By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 31, 2022
ईडी ने 27 मई को अब्दुल्ला को धन शोधन के मामले में उसके श्रीनगर कार्यालय में हाजिर होने के लिए समन जारी किया था। अधिकारियों ने बताया कि पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर के तीन बार मुख्यमंत्री रहे 84 वर्षीय अब्दुल्ला ने वर्ष 2019 में इसी मामले में अपना बयान दर्ज कराया था। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा कि वरिष्ठ नेता अधिकारियों के साथ सहयोग करना जारी रखेंगे जैसे उन्होंने अतीत में किया है। अब्दुल्ला वर्ष 2001 से 2012 तक जेकेसीए के अध्यक्ष थे और वर्ष 2004 से 2009 के बीच कथित वित्तीय हेराफेरी के मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो और ईडी कर रही है। ईडी पहले ही 21 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क कर चुकी है। इसमें अब्दुल्ला की 11.86 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति शामिल है।
ईडी ने दावा किया कि उसकी अब तक की जांच से पता चला है कि अहसान अहमद मिर्जा ने नामक शख्स ने जेकेसीए के अन्य पदाधिकारियों के साथ मिलकर जेकेसीए के कोष के 51.90 करोड़ रुपये की हेरफेर की और इससे हासिल पैसा का इस्तेमाल अपना निजी कारोबार स्थापित करने में किया। इसने श्रीनगर के राममुंशी बाग थाने में दर्ज एक मामले के आधार पर जेकेसीए पदाधिकारियों के खिलाफ धन शोधन की जांच शुरू की। बाद में उच्च न्यायालय के निर्देश पर मामला सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया गया था। सीबीआई ने जेकेसीए के पूर्व पदाधिकारियों के खिलाफ 43.69 करोड़ रुपये के धन की हेराफेरी के मामले में आरोप पत्र दायर किया है।