Prajatantra: केजरीवाल के खान-पान पर भिड़े ED और AAP, क्या जानबूझकर शुगर लेवल बढ़ा रहे दिल्ली CM

By अंकित सिंह | Apr 19, 2024

शराब घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में हैं। उन्हें तिहाड़ जेल में रखा हुआ है। हालांकि, तिहाड़ जेल में अरविंद केजरीवाल की डाइट को लेकर सियासी फाइट भी जबरदस्त तरीके से तेज हो गई है। कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय ने जो दावा किया उसके बाद से आम आदमी पार्टी और भाजपा आमने-सामने हो गई है। ईडी ने कोर्ट को बताया कि केजरीवाल तिहाड़ जेल में चाय पी रहे हैं, आलू-पूड़ी और मिठाई भी खा रहे हैं। ईडी के मुताबिक वह ऐसा इसलिए कर रहे हैं ताकि उनका शुगर लेवल बढ़ जाए और मेडिकल आधार पर उन्हें जमानत मिल जाए। दूसरी ओर आम आदमी पार्टी का दावा है कि केजरीवाल के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। जबकि भाजपा पूरे मामले को लेकर केजरीवाल की सोच पर ही सवाल उठा रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में इंसुलिन के लिए दिल्ली कोर्ट पहुंचे हैं। 

 

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ईडी का दावा

आबकारी नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ‘टाइप 2’ मधुमेह होने के बावजूद हर दिन आम और मिठाई जैसे उच्च शर्करा वाले खाद्य पदार्थ खा रहे हैं ताकि चिकित्सा आधार पर उन्हें जमानत मिल सके। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक अदालत के समक्ष यह दावा किया। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी मामलों की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा के समक्ष ईडी ने यह दावा किया। केजरीवाल ने मधुमेह के स्तर में उतार-चढ़ाव के कारण वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अपने चिकित्सक से परामर्श करने की अनुमति मांगने के लिए अदालत का रुख किया था। ईडी ने अदालत से कहा, ‘‘टाइप 2 मधुमेह के मरीज होने के बावजूद केजरीवाल नियमित रूप से चीनी वाली चाय, आम, केला, मिठाई (1 या 2 टुकड़े), पूड़ी, आलू की सब्जी आदि जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन कर रहे हैं। इन चीजों के सेवन से रक्त शर्करा में वृद्धि होती है। ऐसा चिकित्सा आधार पर अदालत से जमानत पाने के लिए किया जा रहा है।


आप का पलटवार

आतिशी ने दावा किया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जेल में मिल रहे घर के भोजन को रोककर और उन्हें इंसुलिन न देकर उनकी जान लेने का ‘बड़ा षडयंत्र’ रचा जा रहा है। हालांकि जेल अधिकारियों ने आतिशी के इस आरोप का खंडन किया है। आतिशी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से केजरीवाल के रक्त में शर्करा का स्तर 300 एमजी/डीएल से ज्यादा है। उन्होंने आरोप लगाया, केजरीवाल के बार-बार अनुरोध के बावजूद उन्हें इंसुलिन नहीं दिया जा रहा है और उनके रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ता जा रहा है। उन्हें दवा नहीं दी जा रही है, क्योंकि उनकी जान लेने की साजिश है। आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने शुक्रवार को अपनी पार्टी का यह आरोप फिर से दोहराया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ गहरी साजिश रची जा रही है और जेल में उनके साथ कुछ भी हो सकता है। वहीं, दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने पुलिस महानिदेशक (कारागार) को 24 घंटे के भीतर आम आदमी पार्टी (आप) के उस दावे पर रिपोर्ट देने को कहा है, जिसके मुताबिक मुख्यमंत्री केजरीवाल को तिहाड़ जेल में इंसुलिन नहीं दी जा रही।



आप पर भाजपा हमलवार

ईडी के दावे के बाद भाजपा के मनोज तिवारी ने कहा कि शातिर अपराधी की सोच रखने वाले अरविंद केजरीवाल को तत्काल उत्तरप्रदेश, ग़ाज़ियाबाद की डासना जेल शिफ्ट करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजमहल में रहने वालों की जेल में भी ठाठ है, क्योंकि दिल्ली की सभी जेल भी तो दिल्ली सरकार के अंडर हैं। आज कोर्ट में साबित हुआ कि केजरीवाल जान बूझकर मीठा खा रहे हैं, जेल में घर से आलू पूरी, आम और मिठाई आ रहे है, घर का खाना खाकर केजरीवाल का वजन बढ़। डायबिटीज़ पेशेंट बेल के लिए ड्रामा कर रहे है। दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विरेंद्र सचदेवा ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में अरविन्द केजरीवाल का वज़न 1 किलो बढ़ा है। ज़मानत लेने की छटपटाहट में जिस तरह से केजरीवाल मीठे पदार्थों का सेवन बढ़ा रहे हैं, ये चिंताजनक है। बेल लेने के लिए आप अपना शुगर लेवल ख़राब करेंगे, जानबूझकर मीठा खाएंगे। ये राजनीति के लिए भी और मानवता के लिए भी बहुत निंदनीय हैं।


 

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क्या मिल सकता है बेल

बेल मांगना सभी का हक है। चाहे वह हाई प्रोफाइल आदमी हो या फिर आम आदमी, चाहे वह किसी भी प्रकार का जुर्म किया हो। आमतौर पर परिवार में करीबी की मौत, शादी, गंभीर बीमारी, कोई अनहोनी, मेडिकल इमरजेंसी या फिर बैंक लॉकर से जरूरी चीज निकलकर परिवार को देने जैसे कामों के लिए जेल में बंद व्यक्तियों को जमानत दी जाती है और इसी के आधार पर कोई भी जमानत मांगता है। अरविंद केजरीवाल का केस हाई प्रोफाइल है। इस मामले में अगर अरविंद केजरीवाल के वकील कोर्ट के सामने यह बता सके कि उन्हें हाई केयर की जरूरत है क्योंकि दिल्ली के मुख्यमंत्री को शुगर की बीमारी है। ऐसे में कोर्ट केजरीवाल की जमानत पर विचार कर सकता है। ऐसे में परमानेंट बेल की भी संभावनाएं बढ़ जाती है। कोर्ट की ओर से बेल के साथ कुछ शर्ते भी लगाई जा सकती हैं। हाालंकि, बीमारी कम होने की स्थिति में ही जेल में वापसी हो सकती है। अगर बीमारी कम नहीं हुई तो बेल की अवधि लगातार बढ़ती जाती है। यही कारण है कि केजरीवाल पर शुगर बढ़ने के आरोप लग रहे हैं ताकि उन्हें बेल मिल सके और वह अपने घर पर आराम से रह सके।

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