By अभिनय आकाश | Jul 10, 2024
प्रवर्तन निदेशालय ने कर्नाटक महर्षि वाल्मिकी अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड में कथित अनियमितताओं की मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में बुधवार को कांग्रेस विधायक बसनगौड़ा दद्दल के परिसरों की तलाशी ली। दद्दल निगम के अध्यक्ष भी थे। एजेंसी ने कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में लगभग 20 स्थानों पर तलाशी ली। घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि ईडी को छापेमारी करने का अधिकार है और यह सरकार के लिए शर्मिंदगी की बात नहीं है।
परमेश्वर ने कहा कि मुझे नहीं पता कि उन्होंने किस सबूत के आधार पर उनके (दद्दाल) घर पर छापा मारा है। ईडी या सीबीआई राज्य सरकार को जानकारी नहीं देगी। वे स्वतंत्र हैं। सरकार के लिए शर्मिंदगी का कोई सवाल ही नहीं है। एसआईटी है मामले की जांच भी कर रहे हैं।कथित घोटाला तब सामने आया जब निगम के लेखा अधीक्षक, चंद्रशेखरन पी, 21 मई को मृत पाए गए। अपने सुसाइड नोट में अधिकारी ने निगम से विभिन्न बैंक खातों में धन के अवैध हस्तांतरण का आरोप लगाया।
अपने नोट में चंद्रशेखरन ने आरोप लगाया कि राज्य संचालित निगम के खाते से 187 करोड़ रुपये का अनधिकृत हस्तांतरण हुआ था। इसमें यह भी कहा गया कि कुछ आईटी कंपनियों और हैदराबाद स्थित सहकारी बैंक के विभिन्न खातों में अवैध रूप से 88.62 करोड़ रुपये जमा किए गए। घटना के बाद दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया और कर्नाटक के आदिवासी कल्याण और खेल मंत्री नागेंद्र ने इस्तीफा दे दिया। इस बीच, सीबीआई ने भी मामले की जांच तेज कर दी है और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की डिप्टी मैनेजर दीपा के आवास को सील कर दिया है। आरोपियों में दीपा को भी शामिल किया गया है।