By अभिनय आकाश | Jan 07, 2025
7 दिसंबर, 2025 को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि धीमी होकर 6.4% होने का अनुमान लगाया गया है, जबकि 2023-24 में यह 8.2% थी। महामारी के बाद से यह सबसे धीमी वार्षिक जीडीपी वृद्धि दर है, जब वर्ष 2020-21 के दौरान यह गिरकर -5.8% हो गई थी। सांख्यिकी और कार्यक्रम मंत्रालय के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष के दौरान सकल घरेलू उत्पाद के अस्थायी अनुमान 173.82 लाख करोड़ की तुलना में इस वर्ष वास्तविक जीडीपी 184.88 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।
वास्तविक सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) की अनुमानित वृद्धि दर भी 2024-25 में धीमी होकर 6.4% हो गई है, जबकि 2023-24 में यह 7.2% थी। जीडीपी की तरह जीवीए भी 2020-21 के बाद से सबसे निचले स्तर पर था जब यह -4.1% तक गिर गया था। वास्तविक जीवीए ₹168.91 लाख करोड़ होने का अनुमान है, जबकि पिछले साल यह ₹158.74 लाख करोड़ था। 2024-25 के दौरान कृषि और संबद्ध क्षेत्र का वास्तविक जीवीए 3.8% बढ़ने का अनुमान लगाया गया है, जबकि पिछले वर्ष के दौरान यह केवल 1.4% था। हालाँकि, खनन और उत्खनन में अनुमानित वृद्धि दर पहले के 6.3% से गिरकर केवल 2.6% रह गई।