By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 01, 2023
भारत के पास मौजूदा दशक में वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने का अनूठा अवसर है क्योंकि विदेशी कंपनियां जुझारूपन कायम करने के लिए विनिर्माण एवं आपूर्ति श्रृंखला रणनीतियों को अपना रही हैं। संसद में मंगलवार को पेश आर्थिक समीक्षा में यह कहा गया है। अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध, कोविड-19 महामारी और यूक्रेन में युद्ध जैसे जटिल संकटों के चलते आपूर्ति श्रृंखला के झटकों का जोखिम आज की तुलना में कभी भी इतना अधिक महसूस नहीं किया गया।
आर्थिक समीक्षा में कहा गया, ‘‘तेजी से बदलते संदर्भ में वैश्विक कंपनियां विनिर्माण और आपूर्ति श्रृंखला रणनीतियों को अपना रही हैं ताकि जुझारूपन को बनाए रखा जा सके। ऐसे में भारत के पास इस दशक में वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने का अनूठा अवसर मौजूद है।’’ भारत के सकल घरेलू उत्पाद में देश के विनिर्माण क्षेत्र का योगदान करीब 15 से 16 प्रतिशत है और आने वाले वर्षों में इसे बढ़ाकर 25 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य है। समीक्षा में कहा गया कि इस अवसर का लाभ उठाने के लिए तीन प्रमुख बातें अहम हैं- उल्लेखनीय घरेलू मांग की संभावना, विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कदम उठाना और विशिष्ट जनसांख्यिकीय लाभ।