By अनुराग गुप्ता | Jul 11, 2022
कोलंबो। श्रीलंका अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। देश में आए आर्थिक संकट के चलते वहां की जनता बेहाल है और बड़े स्तर पर सरकार विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं। जिसको देखते हुए अंतरिम सर्वदलीय सरकार के गठन पर सहमति बन गई है और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने सर्वदलीय सरकार के गठन के लिए अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी है। ऐसे में 13 जुलाई के बाद सर्वदलीय सरकार का गठन हो सकता है क्योंकि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे 13 जुलाई को अपना पद छोड़ देंगे।
प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रपति आवास पर कब्जा
राष्ट्रपति आवास इन दिनों पिकनिक स्पॉट का लग रहा है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री अपने पद से इस्तीफा नहीं दे देंगे तब तक हम यहां से हटेंगे नहीं। आपको बता दें कि प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति आवास पर कब्जा कर लिया था, जिसके बाद सोशल मीडिया पर कई तरह के वीडियो सामने आ रहे हैं। जिसमें देखा जा सकता है कि प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन में स्थित स्वीमिंग पूल का लुत्फ उठा रहे हैं और वहां पर मौजूद संसाधन का इस्तेमाल कर रहे हैं।
राष्ट्रपति भवन का चप्पा-चप्पा प्रदर्शनकारियों से घिरा हुआ है। वहां पर बिल्कुल भी खाली जगह नहीं दिखाई दी दे रही है। हर जगह पर प्रदर्शनकारी मौजूद हैं और नजारा बिल्कुल पिकनिक स्पॉट जैसा है। प्रदर्शनकारी आराम से अपने परिवार के साथ वहां पर मौजूद हैं। साथ ही राष्ट्रपति भवन में मौजूद जिम में प्रदर्शनकारियों ने जमकर अपना पसीना बहाया और कसरत की। इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के आवास को आग के हवाले कर दिया।
भारतीय उच्चायोग ने सैनिक भेजने की खबरों को किया खारिज
श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने उन खबरों का फिर से खंडन किया है, जिनमें कहा गया है कि नयी दिल्ली द्वारा कोलंबो में भारतीय सैनिक भेजे जाएंगे। इससे पहले, मई में भी भारतीय उच्चायोग ने मीडिया के एक वर्ग में आई ऐसी ही खबरों को खारिज किया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत श्रीलंका के घटनाक्रम पर बारीकी से नज़र रखे हुए है और वह उन कई चुनौतियों से अवगत है जिनका देश और उसके लोग सामना कर रहे हैं।