By एकता | Jun 12, 2022
हर गुजरते दिन के साथ आपकी सेक्स लाइफ बोरिंग होने लगी है? अगर हाँ तो यह कोई घबराने वाली बात नहीं है। सेक्स लाइफ बोरिंग होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। लेकिन शरीर में ऑक्सीटोसिन हार्मोन की कमी होना इसका मुख्य कारण माना जाता है। ऑक्सीटोसिन हार्मोन को "लव हार्मोन" या "बॉन्डिंग हार्मोन" या "कडल हार्मोन" के नाम से भी जाना जाता है। यह हार्मोन आपकी यौन इच्छाओं को बढ़ाने में काफी अहम भूमिका निभाता है। इससे संबंधो को मजबूत बनाने में भी मदद मिलती है। इसलिए अगर आप अपनी सेक्स लाइफ से बोरियत दूर करना चाहते हैं तो अपने शरीर में ऑक्सीटोसिन हार्मोन बढ़ाने पर ध्यान दें। आज के इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताने वाले हैं, जिनका सेवन करने से आपको आपके शरीर में प्राकर्तिक रूप से ऑक्सीटोसिन हार्मोन की कमी पूरी करने में मदद मिलेगी।
अंजीर
शरीर में ऑक्सीटोसिन हार्मोन की कमी को पूरा करने के लिए अंजीर काफी फायदेमंद मानी जाती है। यह मैग्नीशियम से भरपूर होती है, जो शरीर में ऑक्सीटोसिन हार्मोन को रिलीज करने में मदद करता है। इसकी वजह से याददाश्त, दर्द, तनाव, चिंता और यौन व्यवहार में काफी हद तक सुधार करने में मदद मिलती है।
कॉफी
शरीर में ऑक्सीटोसिन हार्मोन को बढ़ाने के लिए कॉफ़ी का सेवन करना भी काफी फायदेमंद माना जाता है। कॉफ़ी में मौजूद कैफीन ऑक्सीटोसिन न्यूरॉन्स को उत्तेजित करने में मदद करता है। इसके अलावा यह एनर्जी, मूड और इमोशन्स में भी सुधार करने में मदद करता है। लेकिन कॉफी का ज्यादा सेवन करने से इस हार्मोन पर उल्टा प्रभाव भी पड़ सकता है। इसलिए एक्सपर्ट ऑक्सीटोसिन के स्तर को संतुलित रखने के लिए कॉफी का सिमित मात्रा में सेवन करने की सलाह देते हैं।
संतरे का जूस
शरीर में ऑक्सीटोसिन हार्मोन की कमी को दूर करने के लिए संतरे का जूस भी काफी फायदेमंद होता है। यह विटामिन सी से भरपूर होता है। शरीर में ऑक्सीटोसिन हार्मोन के स्तर को बेहतर बनाने में विटामिन सी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा इसका सेवन करने से शरीर में सकारात्मक भावनाओं का विस्तार होता है।
सैल्मन
अगर आप नॉन वेजीटेरियन हैं तो सैल्मन मछली का सेवन करने से भी शरीर में ऑक्सीटोसिन हार्मोन की कमी पूरी करने में मदद मिलती है। सैल्मन मछली विटामिन डी और ओमेगा -3 फैटी एसिड का एक बड़ा स्रोत मानी जाती है और यह प्राकर्तिक तरीके से ऑक्सीटोसिन हार्मोन के स्तर को बेहतर बनाने में मदद करती है। इसके अलावा यह तनाव और कॉर्टिकल रक्त की आपूर्ति को बनाए रखने में भी मददगार साबित होती है।