By अंकित सिंह | Feb 21, 2023
बिहार की राजनीति में इस वक्त क्या चल पा रहा है, इसका सटीक विश्लेषण कर पाना मुश्किल है। लेकिन कहीं ना कहीं तेजस्वी यादव को लेकर राजनीतिक गर्माहट लगातार जारी है। मंगलवार को तेजस्वी यादव एक बार फिर से चर्चा में आ गए। दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को शामिल होना था। यह कार्यक्रम पटना के टाउन हॉल में आयोजित किया गया था। डिप्टी सीएम को विशिष्ट अतिथि के रुप में शामिल होना था। लेकिन तेजस्वी यादव करीब ढाई घंटे कि देरी से इस कार्यक्रम में पहुंचे। नीतीश कुमार के बगल वाले तेजस्वी यादव की कुर्सी खाली रहे। इसके बाद चर्चाओं का दौर अचानक गर्म हो गया।
माना जा रहा है कि तेजस्वी यादव ललन सिंह के बयान से सहज नहीं हैं। दरअसल, हाल में ही नीतीश कुमार ने कहा था कि 2025 में तेजस्वी यादव महागठबंधन को लीड करेंगे। लेकिन इसको लेकर जब जदयू अध्यक्ष ललन सिंह से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैंने इसका ऐलान तो नहीं किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अभी 2024 है, इसलिए 2024 के बात कीजिए। 2025 की बात तब की तब देखेंगे। इसके बाद माना जा रहा है कि महागठबंधन में दरार पड़ गई है। हालांकि, ये पहला मौका नहीं है जब जदयू और राजद आमने-सामने हैं। इससे पहले रामचरितमानस विवाद को लेकर भी जदयू और राजद आमने-सामने थे।
दूसरी ओर राजद के दिनारा विधायक विजय मंडल ने मीडिया से बातचीत में दावा किया है कि मार्च 2023 में होली बाद तेजस्वी यादव की ताजपोशी होगी। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि 2025 में नहीं बल्कि अगले महीने मार्च 2023 में ही तेजस्वी यादव बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे। खुद नीतीश कुमार उन्हें मुख्यमंत्री का प्रभार सौपेंगे। लेकिन ललन सिंह ने कहा था कि 2025 तक नीतीश कुमार ही बिहार के मुख्यमंत्री रहने वाले हैं। विजय मंडल के इय बयान के बाद जदयू और राजद में फिर से टेंशन बढ़ेगी।