लखनऊ। उत्तर प्रदेश मे एक बार फिर मुस्लिम कट्टरपंथियों ने कई जिलों में अपनी जेहादी सोच के कारण न केवल प्रदेश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की बल्कि अपने कृत्य से इस्लाम की शिक्षा को भी शर्मसार कर दिया। अपने धर्म के बारे में जरा सी चर्चा होने पर जो लोग सिर तन से जुदा होने का नारा लगाने लगते हैं,उनके ही द्वारा जब दूसरे धर्म के लोगों के खिलाफ हिंसा फैलाई जाती है तो सवाल यही उठता है कि या तो इस्लाम की शिक्षा मे कोई कमी है या फिर इस्लाम को मानने वालों द्वारा की जाने वाली हिंसा जेहादियों की सोची समझी साजिश है। यूपी में नवरात्र के अंतिम दिनों में 12-13 अक्टूबर कोे कई जिलों में नाहक ही उपद्रवियों ने मौहाल बिगाड़ने का प्रयास किया । कई जगह दुर्गा पूजा के बाद विसर्जन यात्राओं पर पत्थरबाजी और फायरिंग में एक माता के एक भक्त की मौत हो गई। हालांकि पुलिस की जगह-जगह सतर्कता से मौहाल को तुरंत ही संभाल लिया।
कौशांबी जिले की मंझनपुर कोतवाली क्षेत्र के बलीपुर नारा गांव में मां दुर्गा की मूर्ति विसर्जन के दौरान मुस्लिम लोगों ने पथराव कर दिया। इसके चलते दोनों पक्षों में विवाद हो गया। मौके पर तलवार व लाठियों से हमले का भी आरोप लगा है। पुलिस अधिकारियों ने किसी तरह मामले को शांत कराया और लोगों को समझा-बुझाकर मूर्ति विसर्जन कराया गया। सुरक्षा के मद्देनजर गांव में पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। यात्रा में शामिल आधा दर्जन से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एसपी ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मंझनपुर थाना क्षेत्र के बलीपुर नारा गांव में मूर्ति विसर्जन के दौरान इमाम चौक पर हल्का सा गुलाल पड़ गया था, इसको लेकर दूसरे समुदाय के लोगों ने ऐतराज किया। जिसमें दोनों पक्षों में कहासुनी और मारपीट हुई। इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। घटना में जो भी दोषी है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
वहीं जिला गोंडा में जब मूर्ति विसर्जन के लिए जा रही थी तबभी दुर्गा प्रतिमाओं पर शहर के बडगांव क्षेत्र के नुरामल मंदिर के पास से गुजरते समय मुस्लिम युवकों द्वारा पथराव हुआ। इसकी वजह से दोनों समुदायों के बीच झपड़ हो गई। इस बीच सड़क के किनारे लगी सब्जी की दुकानों व ठेलों को उपद्रवियों ने पलट दिया। नगर कोतवाल मनोज पाठक सहित सीओ सिटी और सिटी मैजिस्ट्रेट भी मौके पर पहंुचे। सूचना मिलते ही एसपी विनीत जायसवाल पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहंुचे। उन्होंने नाराज लोगों को समझा-बुझाकर शांत करवाया। इसके बाद पुलिस सुरक्षा में मूर्तियों का विसर्जन करवाया गया। एसपी विनीत जायसवाल ने बताया कि घर से पत्थर फेंक जाने की बात सामने आई थी। कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। शांति व्यवस्था के लिए इलाके में पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है।
इसी तरह से पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 12 अक्टूबर शनिवार देर रात देवनाथपुरा में दो वर्गों मंे पथराव में अफरा तफरी हो गई। पथराव में कई लोग घायल हो गए। पुलिस ने दोनो पक्षों के 12 लोगों को हिरासत में लिया है, इसमें पांच नाबालिग हैं। जानकारी के अनुसार देवनाथपुरा में जहां मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित है, उससे करीब सौ मीटर पहले कुछ मुस्लिम युवक एकत्र होकर नारेबाजी के बीच पत्थर चलने लगे से भगदड़ मच गई। वहीं जिला बलिया में रावण दहन से पहले पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ गया। बलिया के कोतवाली क्षेत्र के खरौनी गांव में 12 अक्टूबर शनिवार को रावण के पुतला दहन कार्यक्रम में डीजे बजाने के विवाद को लेकर दो पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुई । देर रात तक चले बवाल में दोनों पक्षों के दर्जनों लोग घायल हो गए। पुलिस ने लाठीचार्ज कर स्थिति को नियंत्रित करने के साथ ही रविवार की भोर में ग्रामीणों के सहयोग रावण पुतले का दहन कराया। पुलिस ने मौके से 17 लोगों की गिरफ्तार किया है। कुल मिलाकर यही कहा जा सकता है कि सभी धर्मो को मानने वालों की अपनी-अपनी आस्था होती है,लेकिन किसी एक की आस्था से बिना वजह दूसरे धर्म के लोगों की आस्था को ठेस पहुंचने लगे तो यही कहा जा सकता है कि आस्था के नाम पर देश को साम्प्रदायिक रंग दिया जाता रहा है अथवा धर्म की आड़ में जेहाद को बढ़ावा दिया जाता है।