आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 21 दिनों की अंतरिम जमानत के बाद पुनः तिहाड़ जेल में पहुंच गये हैं, लेकिन जेल से निकलते ही यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दो महीने का सीएम बताने वाला उनका बयान आज भी चर्चा में है। चुनाव प्रचार के दौरान केजरीवाल लगातार कहते रहे कि मोदी चुनाव के बाद योगी को हटा देंगे, लेकिन जमीनी हकीकत से अरविंद भी अनभिज्ञ नहीं थे। वह जानते थे कि आज की तारीख में योगी का यूपी में कोई विकल्प नहीं है और मोदी भी योगी को पसंद करते हैं। इसीलिये मोदी अक्सर कहते रहते हैं कि यूपी प्लास योगी बहुत है उपयोगी। यह बात चुनाव में भी साफ दिखाई दी। यूपी की 80 लोकसभा सीटों पर प्रचार के दौरान मोदी और योगी की जोड़ी एक बार फिर सुपरहिट साबित हुई है। लोकसभा चुनाव के दौरान दोनों नेताओं के बीच आपसी केमेस्ट्री काफी मजबूत दिखी, जिसकी वजह से यूपी में इंडी गठबंधन के बीजेपी काफी आगे दिखाई दे रही है।
सात चरणों के मतदान के दौरान मेरठ से लेकर मीरजापुर तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तकरीबन 21 कार्यक्रमों में एक दूसरे के साथ रहे। इस दौरान दोनों ने 13 जनसभाएं, 5 रोड शो, वाराणसी में नामांकन और काशी विश्वनाथ मंदिर व काल भैरव मंदिर में दर्शन-पूजन के दौरान दोनों नेताओं का एक दूसरे के प्रति सम्मान और आपसी विश्वास को बढ़ाने वाले संवादों की चर्चाएं हर जगह दिखाई दीं। कई बार तो प्रधानमंत्री मोदी ने योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के समय प्रोटोकॉल तोड़ने में भी परहेज नहीं किया। वहीं इसके अलावा इस दौरान के कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुए, जिसने प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी के बीच बढ़ रहे भरोसे को और भी पुख्ता किया। इनमें पीलीभीत में आयोजित जनसभा के दौरान जब मुख्यमंत्री मंचीय उद्बोधन के लिए प्रधानमंत्री के पीछे से डायस की ओर जाना चाहते थे, तभी प्रधानमंत्री द्वारा उनका हाथ पकड़कर सामने से जाने के लिए आग्रह करना सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर जबरदस्त वायरल हुआ। इसके अलावा काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रधानमंत्री को त्रिशूल भेंट करने वाले वीडियो को भी इंटरनेट यूजर्स ने हाथों हाथ लिया और ये वीडियो भी लंबे समय तक ट्रेंडिंग बना रहा। पीएम मोदी के साथ 21 कार्यक्रमों में से 15 जनसभाओं में मोदी-योगी ने एक दूसरे के प्रति अपने विश्वास को खुलकर प्रदर्शित किया। प्रधानमंत्री ने सीएम योगी को अपना मुख्यमंत्री बताते हुए खुद को इस बात के लिए गौरवान्वित महसूस करने वाला बताया कि योगी जैसा साथी उनके साथ है। वहीं योगी के कार्यों की तारीफ तो उन्होंने हर कहीं की। खासकर प्रदेश की कानून व्यवस्था में हुए जबरदस्त सुधार को पीएम मोदी ने अपनी हर रैली में सराहा। हमारे योगी जी, मेरे योगी जी जैसे संबोधन प्रधानमंत्री ने कई बार किये। दोनों नेताओं के बीच प्रगाढ़ रिश्तों को प्रदर्शित किया। वहीं जनता भी ‘मोदी है तो मुमकिन है’ और ‘योगी है तो यकीन है‘ के नारों से दोनों नेताओं की जोड़ी को यूपी में खूब पसंद किया।
बात योगी के मोदी को दोबारा पीएम बनाने के प्रयासों की कि जाये तो बीते योगी ने दो माह में यूपी के सभी 80 सीटों पर प्रचार किया। इनमें से कई सीटों पर तो योगी दो से तीन बार चुनाव प्रचार करने पहुंचे। वहीं इसके अलावा कुल 12 राज्य और दो केंद्र शासित प्रदेशों में योगी ने जनसभाएं करके प्रधानमंत्री के पक्ष में मतदान की अपील की। इसके साथ ही प्रदेश में प्रधानमंत्री के साथ हर बड़े मंच पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ साए की तरह साथ रहे। प्रधानमंत्री के साथ योगी की पहली जनसभा 31 मार्च को मेरठ में और अंतिम 26 मई को रॉबर्टगंज में हुई थी। इस बीच दोनों नेता सहारनपुर, पीलीभीत, अमरोहा, अलीगढ, आगरा, इटावा, लालगंज, बाराबंकी, बस्ती, गाजीपुर, मिर्जापुर, रॉबर्टगंज में भी साथ-साथ दिखे। इसी तरह से गाजियाबाद, बरेली, कानपुर, अयोध्या और वाराणसी में रोड शो के दौरान भी दोनों नेता साथ-साथ नजर आये। जनसभाएं ही नहीं, मंदिरों में दर्शन-पूजन से लेकर पीएम के नामांकन में भी योगी प्रधानमंत्री के साथ साथ दिखे।