By विजयेन्दर शर्मा | Oct 13, 2021
शारदीय नवरात्रि में दुर्गा अष्टमी --नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है नवरात्रि का आठवां दिन है। शारदीय नवरात्रि में दुर्गा अष्टमी का बहुत महत्व होता है। हर वर्ष आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी का व्रत रखा जाता है। इस दिन मां महागौरी की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है। माता का रंग अत्यंत गोरा है, इसलिए इन्हें महागौरी के नाम से पुकारते हैं। शास्त्रों के अनुसार, मां महागौरी ने कठिन तप कर गौर वर्ण प्राप्त किया था। मान्यता है कि मां महागौरी भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं और उनके बिगड़े कामों को पूरा करती हैं।
शास्त्रों के अनुसार, मां गौरी दांपत्य प्रेम की देवी हैं। माता महागौरी की पूजा करते समय पीले या सफेद वस्त्र भी धारण कर सकते हैं। महागौरी का पूजन करते समय पीले फूल अर्पित करने चाहिए। महागौरी को हलवा का भोग लगाना चाहिए। मान्यता है कि माता रानी को काले चने प्रिय हैं। महाष्टमी की पूजा के बाद कन्याओं को भोजन कराना उत्तम माना गया है। कहते हैं कि ऐसा करने से मां महागौरी शुभ फल देती हैं।
ज्वालामुखी संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य प्रबल शास्त्री ने बताया कि शारदीय नवरात्रि मां दुर्गा को प्रसन्न करने का उत्तम अवसर होता है। महाष्टमी या दुर्गा अष्टमी के दिन आप मां महागौरी के बीज मंत्र का जाप कर उनकी कृपा पा सकते हैं। पूजा के अंत में आपको मां महागौरी की आरती कर्पूर या फिर गाय के घी वाले दीपक से करना चाहिए।
आदि शक्ति मां दुर्गा की कृपा पाने का नवरात्रि का समय बेहद शुभ माना जाता है। नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि का खास महत्व होता है। अष्टमी और नवमी तिथि में ज्यादातर लोग कन्या पूजन करते हैं। अष्टमी तिथि को मनाने वाले भक्त व्रत उदया तिथि में 13 अक्टूबर को रखेंगे। अष्टमी के दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा और आराधना की जाती है. इस दिन शुभ मुहूर्त में माता की पूजा और हवन होता है