By अनुराग गुप्ता | Jul 05, 2022
नयी दिल्ली। राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल का गला रेतने के बाद फरार हुए दोनों आरोपियों को पुलिस ने कुछ घंटे के भीतर पकड़ लिया था। लेकिन दोनों आरोपियों को पकड़वाने में दो लोगों ने अहम भूमिका निभाई थी। इन लोगों ने दर्जी कन्हैया लाल की हत्या के आरोपियों का 30 किमी तक पीछा किया और यही दोनों लोग असस हीरो हैं, जिन्होंने पुलिस की सहायता की।
अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट 'टाइम्स ऑफ इंडिया' के मुताबिक, राजसमंद में लासानी के पास ताल गांव के रहने वाले शक्ति सिंह और प्रह्ललाद सिंह 28 जून को मोबाइल पर उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या का वीडियो देख ही रहे थे कि एक पुलिसकर्मी मित्र का फोन आया। पुलिसकर्मी ने उन्हें RJ 27 AS 2611 नंबर प्लेट वाली बाइक से भाग रहे आरोपियों के बारे में जानकारी दी। उस समय आरोपी देवगढ़ और भीम के बीच में कहीं पर थे, जहां शक्ति और प्रह्ललाद रहते हैं।
फोन के 20 मिनट के भीतर दोनों ने बाइक को बस स्टैंड पर देखा, जहां वे खड़े थे और पुलिस को इसकी जानकारी दी। उस समय पुलिस ने दोनों मित्रों (शक्ति और प्रह्ललाद) को आरोपियों पर नजर बनाए रखने के लिए कहा। जिसके बाद आरोपियों दोनों मित्रों ने 30 किमी तक पीछा किया और हर मोड़, हर जगह की पुलिस को जानकारी दी। उस वक्त दोनों मित्र लगातार पुलिस के संपर्क में थे।
आरोपियों ने की थी डराने की कोशिश
शक्ति और प्रह्ललाद जब आरोपियों का पीछा कर रहे थे तो कन्हैया लाल की हत्याकांड के आरोपी गौस और रियाज ने पुलिस के दोनों मित्रों को चाकूओं से डराने की कोशिश कर रहे थे। इसके बावजूद दोनों मित्रों ने आरोपियों का पीछा किया और उनकी पल-पल की जानकारी साझा करते रहे।
इस मामले को लेकर भीम विधायक सुदर्शन सिंह रावत और राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना के प्रतिनिधिमंडल ने जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की और दोनों पुलिस मित्रों को सरकारी नौकरी देने का अनुरोध किया।