By विजयेन्दर शर्मा | Feb 25, 2022
शिमला। यूक्रेन में चल रहे युद्ध के चलते हिमाचल प्रदेश के भी सौ से अधिक छात्र वहां इस समय फंसे हैं। हालांकि कुछ छात्र वापिस भी लौटे हैं। लेकिन वहां फंसे छात्रों को लेकर अनिशिचतता का महौल है। छात्रों के परिजन परेशान हैं।
कांगड़ा जिला के 12 छात्रों के रहने की पुष्टि हुई है इस बाबत जिला प्रशासन की ओर राज्य सरकार के गृह विभाग को आगामी कार्रवाई के लिए सूचना प्रेषित की गई है। इनमें छह छात्र खारकिव नेशनल मेडिकल विश्वविद्यालय, चार छात्र मेडिकल विवि चेरनिव्त्सी, एक छात्र कीव मेडिकल विवि, एक छात्र नेशनल मेडिकल विवि वीन्नित्स्या में पढ़ाई के लिए गए हैं।
बताया जा रहा है कि जो विद्यार्थी अभी वहां से नहीं निकल पाए हैं, वे हॉस्टल व घरों में छिपे हुए हैं। इन्हें बाहर निकलने को मना किया गया है। एटीएम तक जाने से भी रोक दिया गया है। यूक्रेन के खार्किव स्थित नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी के हॉस्टल के इर्द-गिर्द रूस की ओर से किए जा रहे जोरदार बम धमाकों की आवाज से वहां पढ रहे छात्र सहमे हैं। दा़ों ने अपने परिजनों को बताया है कि सुबह के समय धमाकों की आवाजें आ रही थीं। दोपहर बाद बमबारी और बढ़ गई।
मंडी जिला के पधर के बावली कुन्नू निवासी संजय कुमार के पिता पन्ना लाल ने बताया कि उनका बेटा यूक्रेन की राजधानी में कीव विश्वविद्यालय में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। 22 जनवरी को बेटा 3 माह की छुट्टी काट कर यूक्रेन लौटा। पन्ना लाल स्वयं एक सैनिक हैं और घर पर छुट्टी काट रहे हैं। उन्हें व्हाट्सएप से कॉल कर बेटे ने बताया कि कीव एयरपोर्ट पर फायरिंग चल रही है। ऐसे में यूनिवर्सिटी के बाहर जाने पर रोक लगा दी है।
सुंदरनगर के महादेव निवासी रोहित के पिता कृष्ण चंद्र ने कहा कि उनका बेटा यूक्रेन के विनीशिया शहर से एमबीबीएस सेकेंड सेमेस्टर की पढ़ाई कर रहा है। बेटे ने फोन कर बताया कि वह चार्टर्ड प्लेन से लौटेगा। पहले फ्लाइट 25 फरवरी को थी, लेकिन अब यूक्रेन की राजधानी कीव से 27 को चार्टर्ड प्लेन उड़ान भरेगा। फिलहाल वहां सभी विद्यार्थी सुरक्षित हैं। जिला कांगड़ा की मनेई पंचायत के अक्षित डोगरा यूक्रेन के कार्किव में मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। वह भारत आने वाले थे, लेकिन रूस के हवाई हमले के बाद जहाज को वापस भेज दिया गया। बस ड्राइवर ने सूझबूझ दिखाते हुए छात्रों को कार्किव में एक मेडिकल यूनिवर्सिटी में रखा है। घर वालों से संपर्क हो रहा है। अक्षित ने घर वालों को चिंता न करने के लिए कहा है।
अक्षित के पिता विनय डोगरा ने बताया कि उनके बेटे का फोन आया है। कहा कि उनको मेडिकल यूनिवर्सिटी वाले तंग कर रहे हैं। रहने के रोजाना 50 डालर मांग रहे हैं। साथ ही खाने के अलग पैसे देने के लिए कह रहे हैं। उन्होंने विदेश मंत्री से मांग की है कि उनके बच्चों को सही से घर भेजने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने डीसी कांगड़ा से भी मांग की है कि इस मसले पर विदेश मंत्रालय से संपर्क कर समस्या का हल निकालने की बात की जाए।