“हाँ चुनाव है” में बोले डॉ. मिश्रा मतदान और कन्यादान सोच-समझकर करना चाहिए

By दिनेश शुक्ल | Oct 12, 2020

भोपाल। मध्य प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि हां ये चुनाव है और इसमें मतदान करना है, लेकिन मतदान और कन्यादान बहुत सोच-समझकर करना चाहिए। कन्यादान करें तो पहले परिवार को देखना चाहिए और मतदान करें तो पार्टी देखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज मध्य प्रदेश में दलीय व्यवस्था में दो पार्टी है, लेकिन अब तीसरी पार्टी बहुजन समाज पार्टी भी कोशिश कर रही है। ये दोनों ही दल कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी हमेशा देश तोड़ने वाली ताकतों के साथ रहते हैं। डॉ. मिश्रा ने कहा कि जब-जब विभाजन की बात आई है, देश तोड़ने की बात आई तो उसकी जड़ में कहीं न कहीं कांग्रेस पार्टी ही नजर आई। 

 

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डॉ. मिश्रा ने कहा कि भारत तेरे टुकड़े होंगे, इंशा अल्लाह...इंशा अल्लाह... भारत की बर्बादी तक जंग हमारी जारी रहेगी, अफजल हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं... कहने वाले लोगों के पास सबसे पहले पहुंचने वाला व्यक्ति अगर कोई था तो वह राहुल गांधी थे। उन्होंने कहा कि अफजल वाली घटना से हाथरस तक वही दिखाई देंगे। ये सब वही दल हैं जो चुनाव के समय देश का माहौल खराब करके अपनी राजनीति करते हैं। जब मतदान की बारी आती है, तो ये इस तरह की अफवाह फैलाते हैं कि भारतीय जनता पार्टी वाले सब समाप्त कर देंगे। फिर दूसरा चुनाव आता है तो ये कहते हैं भाजपा संविधान खत्म कर देगी। तीसरा चुनाव आता है तो ये कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी वाले हरिजन एक्ट को समाप्त कर देंगे। इन दलों की मंशा सिर्फ यही होती है कि समाज बंट जाए, जाटव वोट अलग सोचने लगे, सवर्ण अलग हो जाएं, लेकिन चुनाव खत्म होते ही आरक्षण की बात, सविधान की बात, हरिजन एक्ट की बात खत्म हो जाती है। ये सब बातें दलितों के अंदर भ्रम फैलाकर राजनीति करने की है।

 

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“हाँ चुनाव है” ऑनलाइन जनसंवाद कार्यक्रम में डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बोलते हुए कहा कि कांग्रेस ने कभी दलित की चिंता नही की, सिर्फ दलहित की चिंता की है। अपने दलहित के लिए कांग्रेस सिर्फ दलित और सवर्णों को आपस में लड़ाने का काम करती है। ऐसी ही बहुजन समाज पार्टी है। बहुजन समाज पार्टी के नारे होते हैं कि गोली लग जाए छाती पर, मोहर लगाओ हाथी पर... तिलक तराजू और तलवार इनमें मारो जूते चार... जो जमीन सरकारी है वह जमीन हमारी है...। डॉ. मिश्रा ने कहा कि जब इनके स्वार्थ टकराते हैं तो बसपा की नेता बडे़ आसानी से कह देती हैं कि हाथी नहीं गणेश है, ब्रम्हा विष्णु महेश है...। वे सबसे ज्यादा सामान्य वर्ग के लोगों को टिकट दे देती हैं, लेकिन उस समय दलितों को बांटने की कोशिश करती है। इन राजनीतिक दलों ने हमेशा से ही देश को विभाजित करके राजनीति करने की कोशिश की है। इन्होंने पहले देश को बांटने की कोशिश की और हिन्दू-मुसलमान को लड़ाया और अब ये दलित-सवर्णों को बांटने का काम कर रहे हैं।

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