By अनुराग गुप्ता | Jun 04, 2022
श्रीनगर। कश्मीर घाटी में टारगेट किलिंग के मामलों में वृद्धि के चलते कश्मीरी पंडितों के बीच डर का माहौल पनपने लगा है। पिछले कुछ दिनों में आतंकवादियों ने कश्मीरी पंडितों और बाहरी लोगों को निशाना बनाया है। जिसको लेकर घाटी की सुरक्षा-व्यवस्था पर सवाल खड़े होने लगे हैं। ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। इसी बीच घाटी में रहने वाले अमन पसंद मुसलमान कश्मीरी पंडितों के समर्थन में उतरे हैं।
कश्मीर घाटी में पहली बार देखा गया है कि प्रमुख मस्जिदों से जुमे की नमाज के बाद संदेश दिया गया कि इस्लाम में बेकसूरों की कत्ल गुनाह है। हिंदी समाचार वेबसाइट 'नवभारत टाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक, कश्मीर घाटी की तकरीबन हर प्रमुख मस्जिदों ने शांति का संदेश दिया। इसके साथ ही आतंकवादियों के डर से कश्मीर छोड़कर जाने वाले अल्पसंख्यकों से कश्मीर घाटी नहीं छोड़ने की अपील की। इस दौरान संदेश में कहा गया कि हर एक कश्मीरी आप लोगों के साथ है।
मौलाना और मुफ्तियों ने संदेश में कहा कि मासूम लोगों की हत्या से वो बेहद दुखी हैं और वह इसकी निंदा करते हैं। जुमे की नमाज के बाद तो बारामूला में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शांति मार्च भी निकाला। आपको बता दें कि बडगाम के चादूरा इलाके की तहसील कार्यालय के भीतर घुसकर आतंकवादियों ने कश्मीरी पंडित राहुल भट की हत्या कर दी थी। हालांकि सुरक्षाबलों ने 24 घंटे के भीतर राहुल भट की हत्या का बदला ले लिया था। लेकिन राहुल भट की हत्या से नाराज लोगों ने जम्मू से लेकर कश्मीर तक विरोध प्रदर्शन किए।
राहुल भट की हत्या के बाद कश्मीर घाटी में आतंकवादियों ने और भी लोगों को निशाना बनाया। जिसमें टीवी अभिनेत्री अमरीन भट, एक पुलिसकर्मी, बैंक कर्मचारी, बाहरी मजदूर इत्यादि लोग शामिल हैं। दरअसल, कश्मीर में आतंकवादी डर का माहौल बनाना चाहते हैं। हालांकि सुरक्षाबल उनके मंसूबों को तबाह कर देंगे। इसी सिलसिले में गृह मंत्रालय में शुक्रवार को उच्च स्तरीय बैठक हुई थी। जिसमें केंद्रशासित प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, एनएसए अजीत डोभाल समेत कई आला अधिकारियों ने हिस्सा लिया था।