By अंकित सिंह | Jan 03, 2024
मानव तस्करी में कथित संलिप्तता के कारण फ्रांस में रोकी गई 'गधा उड़ान' के सुर्खियों में आने के कुछ दिनों बाद, अधिकारियों ने खुलासा किया कि निकारागुआ जाने वाले विमान में सवार गुजरात के 60 से अधिक लोग आव्रजन एजेंटों को 60 लाख रुपये से 80 लाख रुपये का भुगतान करने पर सहमत हुए थे, जिन्होंने लैटिन अमेरिकी देश पहुंचने के बाद अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने का वादा किया था। निकारागुआ जाने वाले विमान, एयरबस A340, जिसमें 260 भारतीयों सहित 303 यात्री सवार थे, को एक सप्ताह पहले मानव तस्करी के संदेह में फ्रांस में चार दिनों के लिए रोक दिया गया था। यह 26 दिसंबर की सुबह मुंबई में उतरा।
राज्य अपराध जांच विभाग (सीआईडी) - अपराध और रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, उन यात्रियों में गुजरात के 66 लोग शामिल थे, जो पहले ही राज्य में अपने मूल स्थानों पर पहुंच चुके हैं। मामले की जांच कर रहे पुलिस अधीक्षक, सीआईडी-अपराध और रेलवे, संजय खरात ने कहा कि ये 66 गुजरात मूल निवासी, जिनमें कुछ नाबालिग भी शामिल हैं, मुख्य रूप से मेहसाणा, अहमदाबाद, गांधीनगर और आनंद जिलों से थे। उन्होंने कहा कि हम उनमें से 55 से पहले ही पूछताछ कर चुके हैं और उनके बयान दर्ज कर चुके हैं। उनमें से अधिकांश ने कक्षा 8 से 12 तक की पढ़ाई की है। उनमें से प्रत्येक ने स्वीकार किया कि वे दुबई के रास्ते निकारागुआ पहुंचने के बाद अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने में मदद करने के लिए स्थानीय आव्रजन एजेंटों को 60 लाख से 80 लाख रुपये का भुगतान करने पर सहमत हुए थे।
अपर पुलिस महानिदेशक, सीआईडी-अपराध और रेलवे, एस पी राजकुमार ने कहा, ‘‘उन्हें फ्रांस से वापस भेज दिया गया। ऐसी अफवाह थी कि निकारागुआ में उतरने के बाद उन्होंने अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने की योजना बनाई थी। अपने बयानों में उन्होंने हमें बताया कि वे वहां पर्यटक के रूप में जा रहे थे। हम यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि उनकी यात्रा के पीछे कौन एजेंट थे।’’ उन्होंने बताया कि वापस आए 60 लोगों में से करीब 20 से एजेंसी पहले ही पूछताछ कर चुकी है।
गुजरात पुलिस ने ‘‘एजेंटों’’ से जुड़े संदिग्ध अवैध आव्रजन नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए दल गठित किए हैं और वह उस विमान के यात्रियों से सूचना एकत्रित करेगी। पुलिस अधीक्षक संजय खरात ने कहा, ‘‘सीआईडी (अपराध) उन एजेंट के खिलाफ कार्रवाई करना चाहती है जिन्होंने इन यात्रियों को अमेरिका तथा अन्य देशों में (गैरकानूनी तरीके से) प्रवेश करने में मदद करने का वादा किया था। हमने चार दल गठित किए हैं जो इन एजेंटों के पीड़ितों से किए वादों के संबंध में उनसे सूचना एकत्रित करेंगे।’’