By प्रिया मिश्रा | Nov 13, 2021
हिंदू धर्म में कार्तिक मास की पूर्णिमा का बहुत महत्त्व बताया गया है। कार्तिक मास की पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा या गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता है। इस बार कार्तिक पूर्णिमा 19 नवंबर (शुक्रवार) को है। मान्यता के अनुसार इस दिन गंगा में डुबकी लगाने और दान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है और पापों का नाश होता है। इस दिन कोई भी धार्मिक आयोजन, पूजन और कर्मकांड करना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन देव दिपावाली मनाने की भी परंपरा है। इस दिन साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है। यह चंद्र ग्रहण 11 बजकर 34 मिनट से शुरू होकर 5 बजकर 33 मिनट पर समाप्त होगा। यह आंशिक चंद्र ग्रहण होगा, जिसे भारत, अमेरिका, उत्तरी यूरोप, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर क्षेत्र में देखा जा सकेगा। आइए जानते हैं कार्तिक पूर्णिमा की तारीख, मुहूर्त और धार्मिक महत्व।
कार्तिक पूर्णिमा से जुड़ी पौराणिक कथा
एक पौराणिक कथा के अनुसार त्रिपुरासुर नाम के राक्षस ने तीनों लोकों में आतंक मचा रखा था। धीरे-धीरे उसने स्वर्ग लोक पर भी अपना अधिकार जमा लिया। त्रिपुरासुर ने प्रयाग में काफी दिनों तक तपस्या की। उसके तप के तेज से तीनों लोक जलने लगे। तब ब्रह्मा जी उसके सामने प्रकट हुए और उससे वरदान मांगने को कहा। त्रिपुरासुर ने वरदान मांगा कि उसे देवता, स्त्री, पुरुष, जीव ,जंतु, पक्षी, निशाचर कोई भी ना मार सके। इसी वरदान के मिलते ही त्रिपुरासुर अमर हो गया और देवताओं पर अत्याचार करने लगा। तब सभी देवताओं ने ब्रह्मा जी के पास जाकर त्रिपुरासुर के अंत का उपाय पूछा। ब्रह्मा जी ने त्रिपुरासुर के अंत का रास्ता बताया। इसके बाद सभी देवता भगवान शंकर के पास पहुंचे और उनसे त्रिपुरासुर का वध करने की प्रार्थना की। तब महादेव ने उस राक्षस का वध किया। यही कारण है कि कई जगहों पर इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं।
कार्तिक पूर्णिमा 2021 शुभ मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ- 18 नवंबर 2021 दोपहर 12 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 19 नवंबर 2021 दोपहर 02 बजकर 26 मिनट तक
चंद्रोदय का समय- शाम 5 बजकर 28 मिनट
इस दिन गंगा स्नान व दान का है महत्व
शास्त्रों में कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान व दान का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि इस दिन गंगा में डुबकी लगाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि इस दिन लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए हर की पैड़ी पर पहुंचते हैं। इस दिन गंगा स्नान के साथ-साथ दान का भी विशेष महत्व है। इस दिन ज़रुरतमंदों को दान अवश्य रूप देना चाहिए।
- प्रिया मिश्रा