राफेल लड़ाकू विमान को लेकर एक बार फिर से विवाद शुरू हो गया है। दरअसल, फ्रांस के पब्लिकेशन मीडियापार्ट ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि 2016 में भारत फ्रांस के बीच राफेल विमान को लेकर जो सौदा हुआ था उसके बाद द साल्ट ने भारत में एक बिचौलिए को यह राशि दी थी। पब्लिकेशन ने यह भी दावा किया गया है कि 2017 में द साल्ट ग्रुप के अकाउंट से 508925 यूरो ‘गिफ्ट टू क्लाइंट्स’ के तौर पर ट्रांसफर हुए थे। इस खुलासे के बाद से सरकार पर एक बार फिर से कांग्रेस हमलावर हो गई है।
सुरजेवाला ने कहा कि राफेल कंपनी ने कहा कि यह पैसा राफेल एयरक्राफ्ट के मॉडल बनाने के लिए दिया था। AFA ने 'द साल्ट' से पूछा कि आपको अपनी ही कंपनी के मॉडल बनाने के लिए कॉन्ट्रैक्ट हिंदुस्तान की कंपनी को देने की क्या जरूरत थी, आपने इसे गिफ्ट टू क्लाइंट क्यों लिखा और वे मॉडल हैं कहां?