By अभिनय आकाश | Sep 08, 2021
सचिन पायलट के जन्मदिन पर अशोक गहलोत की शुभकामनाओं के साथ ऐसा लगने लगा था कि राजस्थान कांग्रेस में अब सब ठीक हो रहा है। अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच की दूरियां मिट रही है। लेकिन एक बार फिर से दोनों कैंपों में जुबानी जंग शुरू हो गई है। जयपुर जिला प्रमुख चुनाव में कांग्रेस के बहुमत होने के बावजूद भी क्रॉस वोटिंग और बगावत की वजह से हार हो गई। जिसको लेकर अब अंदरूनी कलह शुरू हो गई है। अशोक गहलोत के करीबी माने जाने वाले और राजस्थान सरकार में खेल मंत्री अशोक चांदना ने नाम लिए बगैर पायलट कैंप पर तीखे हमले किए हैं। चांदना ने पायलट कैंप को जयचंद करार दे दिया है।
राजनीति में मुर्दे दफन नहीं होते
खेल मंत्री चांदना ने कहा मुझे इस मामले में बीजेपी से कोई शिकवा नहीं है, लेकिन कुछ 'जयचंद' बीजेपी के हाथो बिक गए है। ये लोग कांग्रेस में रहकर बीजेपी का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक साल पहले ही बीजेपी के हाथ कुछ लोग बिक चुके हैं। आलाकमान और मुख्यमंत्री ने एक साल पहले फॉरगेट एंड फॉरगिव पॉलिसी के तहत बड़ा दिल दिखाते हुए सभी का स्वागत किया था। लेकिन उसके बाद भी यदी इस तरह की धोखाधड़ी पार्टी के साथ होती है तो निश्चित रूप से ऊपर तक शिकायत की जाएगी। राजनीति में मुर्दे दफन नहीं होते हैं।
पायलट के करीबी ने किया पलटवार
पायलट कैंप के विधायक इंद्राज गुर्जर ने इन आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि जयपुर में जिला प्रमुख नहीं बनने का दुख उन्हें भी है। मैंने भी अपने कैंडिडेट भेजे थे और अन्य नेताओं ने भेजे थे लेकिन इस बात को इस तरीके से जोड़ना गलत है। सभी लोग पार्टी के लिए ही काम करते हैं। उन्होंने कहा कि जयपुर से पहले दूसरी जगहों पर भी क्रॉस वोटिंग हुई। थोड़े दिन पहले जैसलमेर में भी क्रॉस वोटिंग से पार्टी की हार हुई, उसमें कौन जयंचद थे, उसमें क्या कार्रवाई हुई? गुर्जर ने कहा चांदना को जैसलमेर पर जवाब देना चाहिए, जैसलमेर का चुनाव हमसे पहले हुआ था।