By दिनेश शुक्ल | Dec 20, 2020
भोपाल। कमलनाथ सरकार के दौरान चुनाव में कालाधन इस्तेमाल के मामले में पड़े इनकम टैक्स छापे के दस्तावेजों में कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के नाम सामने आने के बाद मध्य प्रदेश की सियासत में हड़कंप मच गया है। पूरे मामले को लेकर कांग्रेस ने अपनी स्थिति स्पष्ट की है। इसको लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने शिवराज सरकार पर जमकर हमला बोला है।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में शनिवार को दिग्विजय सिंह, अरुण यादव और जीतू पटवारी ने संयुक्त पत्रकार वार्ता की। पत्रकारों को संबोधित करते हुए दिग्विजय सिंह ने प्रदेश की शिवराज सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और केंद्रीय जांच एजेंसियों पर सवाल उठाए। उन्होंने सरकार पर अधिकारियों को डराने का आरोप लगाते हुए कहा कि अभी जिन अधिकारियों के नाम बताए जा रहे हैं। ये वही अधिकारी हैं जो ई-टेंडरिंग घोटाले की जांच कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को जो जांच कराना है करवा ले, लेकिन इससे कांग्रेस कार्यकर्ता डरने वाले नहीं हैं। कांग्रेस हर तरह की जांच का सामना करेगी। हम जमीन से अदालत तक लड़ाई लड़ेंगे।
पत्रकार वार्ता के दौरान दिग्विजय सिंह ने 2013 में आयकर छापों के दौरान जिन भाजपा नेताओं और अधिकारियों के नाम सामने आए थे, उन्हें लेकर सवाल किया कि उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। दिग्विजय ने कहा कि आयकर विभाग के छापे में जो दस्तावेज मिले उनमें आईएएस नीरज वशिष्ठ को पैसे देने की बात समाने आई थी। नीरज वशिष्ठ शिवराज के स्टाफ में अब भी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सबसे करीबी अफसर नीरज वशिष्ठ ही पैसों का लेन-देन का काम देखते हैं। 2013 में आयकर छापों का हवाला देते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि 2013 में आयकर ने छापे मारे थे, जिसमें कम्प्यूटर की जांच में यह जानकारी मिली थी कि 12 और 29 नवंबर 2013 को नीरज वशिष्ठ ने गुजरात के मुख्यमंत्री को 5-5 करोड़ रुपये दिए। ऐसी कई एंट्री आयकर विभाग को मिली थीं।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मीडिया के सामने 5-5 करोड़ रुपये बैंक खाते से ट्रांसफर किए जाने के दस्तावेजी सबूत भी पेश किए हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का काम इलेक्शन कंडक्ट कराना है। उसे अफसरों पर कोई कार्रवाई का कोई अधिकार नहीं है। अत: चुनाव आयोग से आग्रह है कि निष्पक्षता पर संदेह पैदा नहीं होने दे। हम किसी अधिकारी के साथ नहीं खड़े हैं। हम चाहते हैं कि अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है तो नीरज वशिष्ठ के खिलाफ भी जांच हो।
दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि कमलनाथ सरकार ई-टेंडरिंग, व्यापमं समेत भाजपा कार्यकाल में हुए अन्य घोटालों की जांच कर रही थी। इससे भाजपा भयभीत थी। जांच के बाद बड़े लोगों पर कार्रवाई होने जा रही थी, यह देखते हुए प्रदेश की कांग्रेस सरकार गिराई गई थी। उन्होंने कहा कि भाजपा के जिम्मेदार नेता ही ये बात कह चुके हैं। कैलाश विजयवर्गीय ने सांवरे की बैठक कहा था कि कमलनाथ सरकार को गिराना जरूरी था, वरना हम बर्बाद हो जाते। उन्होंने कुछ दिन पहले ही स्वीकार किया था कि कमलनाथ की सरकार प्रधानमंत्री मोदी ने गिराई। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सीबीडीटी और आयकर विभाग ने गोपनीयता भंग की है। जानबूझकर लिस्ट लीक की गई है। इसकी जांच होना चाहिए।