By Ananya Mishra | Sep 11, 2024
हर साल 11 सितंबर को दिग्विजय दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारत के स्वर्णिम इतिहास में अहम भूमिका निभाता है। इस दिन का नाता स्वामी विवेकानंद जी से है। स्वामी विवेकानंद की विश्व विजयी यात्रा और उनके अद्वितीय योगदान की याद में दिग्विजय दिवस मनाया जाता है। बता दें कि 11 सितंबर 1893 को स्वामी विवेकानंद द्वारा शिकागो में विश्व धर्म महासभा में दिए गए ऐतिहासिक भाषण की याद में मनाया जाता है। उनके द्वारा दिए गए इस भाषण ने भारत की महान संस्कृति और हिंदू धर्म की उदारता को विश्व पटल पर मजबूती देने का काम किया था।
क्यों मनाया जाता है यह दिन
इस दिन को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य स्वामी विवेकानंद के विचारों और उनकी शिक्षाओं को समाज में फैलाना है। साथ ही स्वामी विवेकानंद के जीवन से प्रेरणा लेकर समाज के विकास में अहम योगदान देना है। दिग्विजय दिवस को योग, ध्यान, भारतीय संस्कृति और विश्व शांति के विचारों का प्रसार करने के लिए मनाया जाता है।
साल 1893 में शिकागो की विश्व धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद द्वारा दिया गया भाषण विचारधारा, धर्म, देश और राजनीति की सीमाओं से परे थे। क्योंकि उनके द्वारा दिया गया भाषण सभी के लिए सार्वभौमिक था। स्वामी विवेकानंद द्वारा दिए गए भाषण में सिर्फ उनके जादुई शब्द नहीं थे, बल्कि यह चरित्र, निस्वार्थ परिव्राजक जीवन और तपस्या के वर्ष थे। जिन्होंने विश्व के दृष्टिकोण को भारत के प्रति बदलने का काम किया था।
कैसे मनाया जाता है दिग्विजय दिवस
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा साल 2010 में स्वामी विवेकानंद की आध्यात्मिक विरासत को श्रद्धांजलि देने के रूप में दिग्विजय दिवस की शुरूआत की गई थी। दिग्विजय दिवस पूरे भारत में मनाया जाता है। इस मौके पर देश भर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।