By अंकित सिंह | Oct 26, 2021
प्रभासाक्षी के विचार संगम में कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि आज के परिवेश में सवाल पूछने पर सवाल उठ जाता है। यह किसी भी लोकतंत्र के लिए अच्छी बात नहीं है। यह खतरे की घंटी है। मीडिया का काम सही खबर पहुंचाना है। जवाबदेही तय करने में मीडिया सबसे ज्यादा प्रखर रोल अदा करता है। मीडिया के थ्रू ही जनता सवाल पूछती है। हम सदन में उस सवाल उठाते हैं।
उन्होंने कहा कि आज महंगाई है और अगर मीडिया महंगाई पर खबर नहीं उठाएगा तो सवाल जरूर उठेंगे। इसीलिए मीडिया को सवाल उठाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि डिजिटल मीडिया वर्तमान समय में इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया की तुलना में ज्यादा आजाद है। सुप्रिया श्रीनेत ने प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर सवाल खड़े किए और डिजिटल मीडिया को कुछ हद तक स्वतंत्र बताया। उन्होंने कहा कि डिजिटल मीडिया अभी भी सच दिखलाता है। किसान आंदोलन हो या हाथरस हो या फिर लखीमपुर घटना हो, सभी का सच डिजिटल मीडिया के जरिए ही सामने आया और सच डिजिटल माध्यम से इतना ज्यादा आया कि इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया उसे इग्नोर नहीं कर सके और उन्हें दबाव में आकर दिखाना पड़ा।
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि डिजिटल मीडिया ज्यादा प्रतिबिंब है और यही कारण है कि लोग उससे ज्यादा जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि जो सच दिखाएगा उसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जब कोई मीडियम सशक्त होता है तो उस मीडियम के जिम्मेदारी भी होती है कि वह अपनी विश्वसनीयता को बरकरार रखें। उन्होंने कहा कि आज हिंदुस्तान में डिजिटल मीडिया एक बहुत बड़ा सशक्त माध्यम है। डिजिटल मीडिया के जरिए ना केवल लोग सरकार से सवाल पूछते हैं बल्कि विपक्ष से भी सवाल पूछते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को कटघरे में खड़ा करना ही पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आज डिजिटल मीडिया में जो चीजें ट्रेंड होती हैं उसी पर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में डिस्कशन होता है।
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