By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 06, 2022
राष्ट्रपति ने कहा किमुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि नीति आयोग की एस. डी. जी. इंडेक्स रिपोर्ट, 2020-21 के तहत, महिलाओं और पुरुषों के बीच वेतन का अंतर देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा उत्तर प्रदेश में सबसे कम है। यह लैंगिक समानता का एक महत्वपूर्ण मानक है और इस उपलब्धि के लिए राष्ट्रपति ने उत्तर प्रदेश सरकार को साधुवाद दिया। उन्होंने कहा कि यूरोप के तीन महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक देशों जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन को मिलाकर जितनी कुल आबादी है, उतनी अकेले उत्तर प्रदेश की है। उत्तर प्रदेश की सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक व भौगोलिक विविधता यहां के लोकतंत्र को और भी समृद्ध और मजबूत बनाती है। कोविंद ने कहा कि उत्तर प्रदेश की 20 करोड़ से अधिक की आबादी, अनेकता में एकता की हमारी सांस्कृतिक विशेषता का बहुत अच्छा उदाहरण हमारे सामने प्रस्तुत करती है। कोविन्द ने कहा कि राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने अभी तक 33 विदेश यात्राएं सम्पन्न करके, उन देशों के साथ भारत के राजनयिक सम्बन्धों को और मजबूत बनाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जैसी उपजाऊ भूमि तथा कृषि के अनुकूल प्राकृतिक स्थितियां हैं, वे भारत के अन्य प्रदेशों समेत पूरे विश्व में कहीं पर भी नहीं है। राष्ट्रपति ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में उत्पादन के साथ-साथ उत्पादकता पर तथा कृषि आधारित उद्यमों पर और अधिक ध्यान देकर राज्य की आर्थिक स्थिति में बहुत बड़े बदलाव किए जा सकते हैं। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि केंद्र एवं राज्य की सरकारें मिलकर इस दिशा में निरंतर प्रयत्नशील हैं। उन्होंने कहा कि जब देश का सबसे बड़ा राज्य प्रगति के उत्तम मानकों को हासिल करेगा, तो स्वत: ही पूरे देश के विकास को संबल प्राप्त होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि आज से 25 वर्ष बाद, जब देशवासी आजादी की शताब्दी का उत्सव मना रहे होंगे, तब उत्तर प्रदेश विकास के मानकों पर भारत के अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित हो चुका होगा और देश विकसित देशों की अग्रिम पंक्ति में खड़ा होगा। आजादी की लड़ाई में उत्तर प्रदेश के क्रांतिवीरों की गौरवगाथा का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति कोविन्द ने कहा कि ऐसे क्रांतिवीरों की याद में शिक्षण संस्थानों में व्याख्यान मालाएं आयोजित की जाएं और अन्य माध्यमों के जरिए उनकी जीवन गाथाओं से लोगों को अवगत कराया जाए। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मुझे बताया गया कि उत्तर प्रदेश की विधानसभा में महिला सदस्यों की संख्या 47 है जो कुल 403 सदस्यों का लगभग 12 प्रतिशत है। 100 सदस्यीय विधान परिषद के वर्तमान 91 सदस्यों में महिलाओं की संख्या केवल पांच है, जो लगभग साढ़े पांच प्रतिशत है। महिलाओं के प्रतिनिधित्व में वृद्धि की व्यापक संभावनाएं हैं। ’’ उन्होंने कहा कि इतिहास के हर दौर में उत्तर प्रदेश एक अग्रणी राज्य रहा है।
कोविंद के मुताबिक भारत की संविधान सभा में भी सबसे अधिक प्रतिनिधि इसी राज्य से गए जिनमें पुरुषोत्तम दास टंडन, जवाहर लाल नेहरू, गोविंद वल्लभ पंत, हृदय नाथ कुंजरू, बी. वी. केसकर, पदमपत सिंघानिया, जॉन मथाई, हसरत मोहानी, श्रीमती कमला चौधरी, आचार्य जे.बी. कृपलानी, महावीर त्यागी, श्रीमती पूर्णिमा बैनर्जी तथा रफी अहमद किदवई जैसी अनेक प्रतिभाएं शामिल थीं, लेकिन वह कुछ के ही नामों का उल्लेख कर रहे हैं। कोविन्द ने कहा कि वर्ष 1937 तथा 1946 में गठित दोनों विधान सभाओं के अध्यक्ष राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन से लेकर गोविंद वल्लभ पंत, डॉक्टर सम्पूर्णानन्द, सुचेता कृपलानी, चंद्रभानु गुप्त, चौधरी चरण सिंह, कमलापति त्रिपाठी, हेमवती नन्दन बहुगुणा, नारायण दत्त तिवारी, विश्वनाथ प्रताप सिंह तथा कल्याण सिंह जैसी दिवंगत विभूतियां शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव जी और बहन मायावती जी की भूमिकाएं भी उल्लेखनीय हैं, जिन्होंने वर्षों तक इस राज्य को कुशल नेतृत्व प्रदान किया तथा जिनका राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रव्यापी राजनीति के संदर्भ में उत्तर प्रदेश के लिए इससे बढ़कर गर्व की बात क्या हो सकती है कि इस राज्य से लोकसभा के लिए निर्वाचित सांसदों में से नौ प्रधानमंत्रियों ने अब तक देश को नेतृत्व प्रदान किया है। जवाहरलाल नेहरू के रूप में देश को पहला प्रधानमंत्री तथा इन्दिरा गांधी के रूप में प्रथम महिला प्रधानमंत्री देने का गौरव भी उत्तर प्रदेश को ही जाता है। आदर्शों पर आधारित राजनीति व जन-सेवा के प्रतीक दो पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और अटल बिहारी वाजपेयी भी उत्तर प्रदेश से सांसद चुने जाते थे। उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह, विश्वनाथ प्रताप सिंह और चन्द्रशेखर जी ने सिद्धांतों पर आधारित राजनीति के प्रभावी उदाहरण प्रस्तुत किए, तो राजीव गांधी भी उत्तर प्रदेश से ही सांसद बने और प्रधानमंत्री चुने गए। कोविंद ने कहा कि लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र काशी को अपने गृह नगर की तरह अपनाया है तथा देश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के चहुंमुखी विकास को नए आयाम प्रदान किए। उन्होंने कहा कि डॉक्टर राम मनोहर लोहिया और पंडित दीनदयाल उपाध्याय उत्तर प्रदेश की ऐसी विभूतियां हैं, जिनके जीवन-चरित से प्रत्येक जनप्रतिनिधि को बहुत कुछ सीखना चाहिए। इस मौके पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह, विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव समेत सदन के सदस्य शामिल हुए।