By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 02, 2019
मुंबई। सार्वजनिक क्षेत्र के यूनियन बैंक आफ इंडिया की अगुवाई वाले 30 बैंकों के गठजोड़ ने डीएचएफएल मामले में पांच जुलाई से पहले ऋणदाताओं के बीच आपसी करार का फैसला किया है। इसके पीछे उद्देश्य दीवान हाउसिंग एंड फाइनेंस (डीएचएफएल) की समाधान योजना को आगे बढ़ाना है। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
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डीएचएफएल कई कर्जों के भुगतान में असफल रह चुकी है। बैंकों की बैठक में शामिल रहे तीन बैंकरों ने पीटीआई-भाषा से कहा कि बैंकों ने कंपनी की माह अंत तथा तिमाही अंत की नकदी प्रवाह की स्थिति की भी समीक्षा की। कंपनी के प्रवर्तक नकदी जुटाने के लिए निवेशकों से हिस्सेदारी बेचने के लिए बातचीत कर रहे हैं। निपटान के लिए उन्होंने रिकॉर्ड तारीख 29 जून तय की।
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बैठक में शामिल रहे एक वरिष्ठ बैंक अधिकारी ने कहा कि इसमें पांच जुलाई तक अंतर ऋणदाता करार करने का फैसला किया गया है। सूत्रों के मुताबिक समाधान योजना में परिसंपत्तियों का प्रतिभूतिकरण करना और कर्ज को इक्विटी में परिवर्तित करना शामिल हो सकता है। यह नये निवेशक के मिलने तक एक अंतरिम समाधान हो सकता है।
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