धर्म कर्तव्य है और जो सत्ता में हैं वह ‘राजधर्म’ की बात करते हैं: आरएसएस

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 25, 2018

मुंबई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि “धर्म’’ का मतलब सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान नहीं है बल्कि एक सामाजिक कर्तव्य भी है और शासक ‘‘राज धर्म” की बात करते हैं। इस कार्यक्रम में उद्योगपति रतन टाटा ने उनके साथ मंच साझा किया। 

 

भागवत दिवंगत आरएसएस नेता नाना पालकर की जन्मशती के मौके पर रखे गए एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। टाटा इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे। भागवत ने कहा, “धर्म पिता के प्रति बेटे का कर्तव्य है, पिता का बेटे के प्रति कर्तव्य है और जिन्हें सत्ता के लिए चुना जाता है वह ‘राजधर्म’ की बात करते हैं। हमें बदले में बिना कुछ चाहे अपना कर्तव्य निभाना चाहिए।''

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