22 और 23 अक्टूबर मनाई जाएगी धनतेरस, राशि के अनुसार करें खरीदारी

By डा. अनीष व्यास | Oct 21, 2022

धनतेरस पर अबकी बार ऐसा संयोग बना है कि लोगों को दो दिनों तक धन्वंतरी भगवान का आशीर्वाद मिलेगा। दरअसल इस साल शनिवार 22 अक्टूबर को शाम में 6:03 मिनट से कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि लग रही है जिसे धनतेरस कहा जाता है। इसी दिन यमदीप भी निकाला जाएगा। कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि 23 अक्टूबर को शाम 6:04 मिनट तक रहेगी। इसलिए धनत्रयोदशी यानी धनतेरस 22 अक्टूबर की शाम से अगले दिन 23 अक्टूबर की शाम तक मनाया जा सकेगा। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर-जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि धनतेरस का पर्व दो दिन 22 और 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा। दोनों दिन ग्रह-नक्षत्रों का विशेष संयोग शुभ और स्थायी फलदायी होगा। 22 अक्टूबर को दोपहर करीब 1 बजे से उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र लग जाएगा। इस नक्षत्र के रहते सोना-चांदी समेत संपत्ति आदि की खरीदारी शुभ रहेगी। अहम बात ये भी है कि यह नक्षत्र स्थिर लक्ष्मी का कारक माना जाता है। खरीदारी के लिए धनतेरस के दोनों दिन श्रेष्ठ हैं। 22 अक्टूबर को त्रिपुष्कर योग भी है। यह योग दोपहर 12.59 से शाम 4.02 बजे तक रहेगा। इस योग में किए गए कार्य का तीन गुना फल मिलता है। यानी खरीदारी समेत अन्य कार्य तीन गुना फायदे वाले होंगे। धनतेरस के दोनों दिन शनिवार और रविवार को प्रदोष के साथ तेरस भी है। 23 अक्टूबर को सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग का संयोग भी रहेगा। खास ग्रह, योग, नक्षत्र के चलते दोनों दिन सभी कार्य शुभ फलदायी होंगे। धनतेरस पर तिथियों के फेर के कारण जो लोग धनतेरस का व्रत रखते हैं या प्रदोष व्रत करते हैं उनको 23 अक्टूबर को व्रत रखना चाहिए। क्योंकि 23 तारीख को शाम में प्रदोश काल में त्रयोदशी तिथि व्याप्त रहेगी। 23 अक्टूबर को शाम के समय त्रयोदशी होने से इसी दिन धनत्रयोदशी और प्रदोष व्रत रखना शास्त्र सम्मत होगा।


ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि धनतेरस का त्योहार दीपावली की शुरूआत माना जाता है। धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी, कुबेर और धनवंतरी का पूजन किया जाता है। इस साल धनतेरस का त्योहार 22 और 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा। नाम के अनुरूप धनतेरस का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन से दीपावली के पांच दिन के उत्सव की शुरूआत मानी जाती है। हिंदू धर्म में धनतेरस का दिन खरीदारी करने के लिए साल भर में सबसे शुभ दिन माना जाता है। इस दिन झाडू, बर्तन, गहना, सोना-चांदी आदि खरीदने का रिवाज है।


धनतेरस 

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की कृष्ण त्रयोदशी का प्रारंभ शनिवार 22 अक्टूबर को शाम 06:03 मिनट पर हो रहा है। जो कि अगले दिन 23 अक्टूबर की शाम 06:04 मिनट तक रहेगी। इस बार धनतेरस पर त्रिपुष्कर और इंद्र योग का योग बन रहा है, जो धन वृद्धि के लिए बहुत शुभ माना जाता है।

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त्रिपुष्कर योग – 01.50 बजे – 06.03 बजे (22 अक्टूबर 2022)

इंद्र योग – 22 अक्टूबर 2022, शाम 05.13 बजे – 23 अक्टूबर 2022, शाम 04.07 बजे

अमृत सिद्धि योग – 23 अक्टूबर 2022, दोपहर 02.34 बजे – 24 अक्टूबर 2022, शाम 06.30 बजे

सर्वार्थ सिद्धि योग – पूरा दिन


त्रिपुष्कर योग

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि धनतेरस के दिन बेहद शुभ समझा जाने वाले त्रिपुष्कर योग योग बन रहा है। इस योग में खरीदारी करने वालों का निश्चित तौर पर भाग्योदय होगा। इस साल धनतेरस पर त्रिपुष्कर योग बन रहा है। इस योग में किए गए कार्यों में सफलता हासिल होने के साथ तीन गुना फल प्राप्त होने की मान्यता है। धनतेरस के दिन त्रिपुष्कर योग दोपहर 01:50 मिनट से शाम 06:03 मिनट तक रहेगा। त्रिपुष्कर योग में खरीदारी करना बेहद शुभ माना जाता है। इस शुभ घड़ी में खरीदारी करने का लाभ तीन गुना तक बढ़ता है। उदाहरण के तौर पर, यदि त्रिपुष्कर योग में आप घर, वाहन या गहने खरीदते हैं तो भविष्य में इनके तीन गुना बढ़ने की संभावनाएं अधिक होती हैं। इस अवधि में आप मनमुताबिक चीजें खरीदकर घर ला सकते हैं।


धनतेरस पर धन वृद्धि, सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस साल संयोग ऐसा बना है कि धनतेरस के दिन शनि मार्गी हो रहे हैं। इससे धनतेरस कई राशियों के जीवन में धन समृद्धि लाने वाला होगा। इस दिन से कई राशियों के जीवन में आएंगे शुभ बदलाव। संयोग यह भी है कि इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि नामक शुभ योग भी मौजूद रहेगा। इस बार धनतेरस पर तीन योग एक साथ पड़ने से ये पर्व अपने आप में खास है। सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग इस पर्व के महत्व को बढ़ा रहे हैं। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:40 से 8:50 के बीच रहेगा। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाया जाता है। यह पर्व भगवान धनवंतरी के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसके साथ ही धनतेरस प्रदोष व्रत और हनुमान जयंती का संयोग भी एक साथ पड़ रहा है। ऐसा संयोग करीब 27 वर्षों के बाद हो रहा है। दूसरी खास बात यह है पिछले काफी समय से वक्री चल रहे शनि देव 23 अक्तूबर को मार्गी होंगे। शनि के मार्गी होने से कई लोगों की आर्थिक स्थिति में उतार-चढ़ाव आएंगे। 


पूजन का शुभ मुहूर्त

विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि पंचांग के अनुसार धनतेरस का त्योहार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इसके दो दिन बाद कार्तिक अमावस्या के दिन दीपावली का पर्व मनाया जाता है। 22 अक्टूबर को धनतेरस की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 07:01 मिनट से शुरू होगा, जो कि रात्रि 08:17 मिनट तक रहेगा। इस दिन पूजन की अवधि लगभग सवा घंटे की है। मान्यता है कि शुभ मुहूर्त लक्ष्मी पूजन करने से सुख-समृद्धि व खुशहाली की प्राप्ति होती है।

प्रदोष काल: शाम 5.52 बजे – रात 8.24 बजे (22 अक्टूबर 2022)

वृषभ समय: शाम 7.10 बजे – शाम 09.06 बजे (22 अक्टूबर 2022)


खरीदारी का शुभ मुहूर्त

कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि धनतेरस के दिन को हिंदू धर्म में खरीदारी करने के लिए सबसे शुभ दिन माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन खरीदारी करने से घर में सुख और समृद्धि का आगमन होता है। धनतेरस के दिन बर्तन, सोना-चांदी, आभूषण, झाडू और खड़ा धनिया खरीदना शुभ माना जाता है। इस साल धनतेरस के दिन खरीदारी करने के शुभ मुहुर्त ये हैं।

अभिजीत मुहूर्त– सुबह 11:42 से 12:26 तक

गोधूलि मुहूर्त- शाम 05:05 से 05:29 तक

प्रदोष काल- शाम 05:35 से 08:14 तक

वृषभ काल– शाम 06:18 से 08:14: तक


धनतेरस पर शनि प्रदोष व्रत 

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस बार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को शनि प्रदोष व्रत है। हर माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत होता है, दिन के आधार पर सबका फल अलग अलग होता है। शनि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा शाम के समय प्रदोष काल में करते हैं।

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शनि प्रदोष व्रत  तिथि

भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 22 अक्टूबर दिन शनिवार को शाम 06 बजकर 02 मिनट से शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन 23 अक्टूबर दिन रविवार को शाम 06 बजकर 03 मिनट पर होगा। प्रदोष व्रत में त्रयोदशी तिथि में शाम की पूजा का महत्व होता है। उस आधार पर ही व्रत का दिन तय होता है। ऐसे में शनि प्रदोष व्रत 22 अक्टूबर को रखा जाएगा क्योंकि त्रयोदशी तिथि प्रदोष पूजा का शुभ मुहूर्त इस शाम ही प्राप्त हो रही है। 23 अक्टूबर को त्रयोदशी तिथि शाम 06:03 बजे खत्म हो जा रही है।


शनि प्रदोष  पूजा मुहूर्त

जो लोग शनि प्रदोष व्रत रखेंगे, वे 22 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 02 मिनट से रात 08 बजकर 17 मिनट के बीच शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं। यह शनि प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ समय है।


आइए भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास से जानते हैं धनतेरस पर अपनी राशि के अनुसार खरीदारी


मेष राशि

मेष राशि के जातकों को धनतेरस पर चांदी के बर्तन खरीदने चाहिए। ये उनके लिए बहुत ही लाभकारी होगा। चांदी खरीदने से भगवान कुबेर प्रसन्न होते हैं और उनके धन में अपार वृद्धि की संभावना होती है।


वृष राशि

वृष राशि के जातकों को धनतेरस पर चांदी की वस्तु या आभूषण खरीदना बहुत ही शुभ है। वृष राशि का स्वामी ग्रह शुक्र है जो सुख, संपन्नता और वैभव का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसलिए वृष राशि वालों को अपने धन में वृद्धि करने के लिए चांदी की वस्तु खरीदना बड़ा ही शुभ रहेगा।


मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों को सोने के आभूषण खरीदने चाहिए और हरे रंग का घरेलू सामान खरीदना उनके लिए फलदायी रहेगा। मान्यता है कि आभूषण खरीदने से घर में धन संपदा बनी रहती है। ऐसा करने से आप पर भगवान धन्वंतरि की कृपा बरसेगी। 


कर्क राशि

कर्क राशि के जातक चांदी का श्रीयंत्र धनतेरस के दिन ले सकते हैं। श्रीयंत्र लेने के बाद कुछ और भी खरीदें तो भी शुभ रहेगा और आपकी तिजोरी कभी खाली नहीं होगी, आप पर देवी महालक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी।


सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों के लिए सोना खरीदना अति उत्तम माना जाता है। धनतेरस पर सोने की वस्तु जैसे सोने के सिक्के, सोने के गहनें और सोने के बर्तन खरीदना अत्यंत शुभ रहेगा। इसके साथ-साथ बर्तन या कोई धार्मिक किताबें खरीद सकते हैं। इस वर्ष आप पर देवी महालक्ष्मी जी की अटूट कृपा बरसेगी।


कन्या राशि

कन्या राशि के जातक कांसे या हाथी-दांत से बनी चीजों की खरीदारी करें। इन वस्तुओं की खरीदारी करने से आपके धन में वृद्धि होगी और धन को किसी शुभ जगह पर निवेश करने पर लाभ प्राप्त होगा।


तुला राशि

इस धनतेरस को शुभ और फलदायी बनाने के लिए तुला राशि के जातक सौंदर्य से संबंधित वस्तुएं खरीदें। आप इत्र, सोने-चांदी के आभूषण खरीद सकते हैं। चांदी से बना आभूषण या चांदी के सिक्के जरूर खरीदें, इससे आपको सुख समृद्धि की प्राप्ति होगी और माता लक्ष्मी की कृपा आप पर बनी रहेगी।


वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि वालों को धनतेरस पर सोने के गहनें और सिक्के या फिर तांबे के बर्तन खरीदना चाहिए। इस दिन आप पीतल भी खरीद सकते हैं क्योंकि अगर वृश्चिक राशि वाले धनतेरस के शुभ दिन पीतल की वस्तु खरीदते हैं तो उनके धन में अपार वृद्धि की संभावना होती है। 


धनु राशि

धनु राशि के जातक धनतेरस के दिन दिन वाहन और चांदी के बर्तन खरीदें। चांदी धनु राशि वालों के लिए अत्यंत शुभ मानी गयी है।  इस दिन पर आपको चांदी के आभूषण, बर्तन, चांदी की सिक्के और वाहन खरीदना घर में समृद्धि लाएगा। 


मकर राशि

मकर राशि के जातकों के लिए धनतेरस काफी मायने रखता है। धनतेरस के इस पर्व पर वाहन और सजावट की चीजें खरीदना आपके लिए शुभ रहेगा। आप चांदी और स्टील के बर्तन भी खरीद सकते है। मगर यह भी ध्यान रहे कि यदि आप वाहन खरीद रहे हैं तो उसकी पेमेंट एक दिन पहले ही कर दें क्योंकि धनतेरस वाले दिन बड़ी पेमेंट करना शुभ नही माना जाता।


कुंभ राशि

कुंभ राशि का स्वामी शनि है। ऐसे में आपके लिए चांदी और स्टील के बर्तन की खरीदारी करना शुभ और अत्यधिक फलदायी होगा। इसके साथ ही आप इस दिन बैंकों में पैसे जमा करवा सकते हैं इससे धनों के देवता भगवान कुबेर की कृपा बरसेगी।


मीन राशि

मीन राशि का स्वामी ग्रह गुरु  है। मीन राशि के जातक धनतेरस वाले दिन चांदी के बर्तन या आभूषण खरीदें। चांदी मीन राशि वालों के लिए अत्यंत शुभ मानी गयी है। धनतेरस पर आपको चांदी के आभूषण या चांदी के सिक्के खरीदने से शुभ फल प्राप्त होगा और कुबेर देवता कि कृपा आप पर बनी रहेगी।


- डा. अनीष व्यास

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक

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