By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 23, 2022
नयी दिल्ली। मेजर जनरल आलोक कक्कड़ ने रविवार को कहा कि बीते दशकों में भारतीय सेना की वर्दी और राइफलें कैसे विकसित हुई हैं इसे इस साल की गणतंत्र दिवस परेड में प्रदर्शित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के तहत गणतंत्र दिवस परेड-2022 में भारतीय सेना की तीन मार्चिंग टुकड़ी पिछले दशकों की वर्दी पहनेगी और राइफल लेकर कदमताल करेंगी, जबकि एक दस्ता नई युद्धक वर्दी पहनेगा और नवीनतम टेवोर राइफल लेकर राजपथ पर कदमताल करता दिखेगा।
उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस साल गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय सेना के छह मार्चिंग दस्ते हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि हर मार्चिंग दस्ते में आम तौर पर रहने वाले 144 सैनिकों की जगह इस बार 96 सैनिक होंगे। ऐसा कोविड-19 प्रोटोकॉल का सख्त अनुपालन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया है। कक्कड़ ने कहा कि राजपूत रेजिमेंट के सैनिकों की भारतीय सेना की पहली मार्चिंग टुकड़ी 1950 के दशक की वर्दी पहनेगी और .303 राइफलें लेकर चलेगी। असम रेजिमेंट के सैनिकों की दूसरी मार्चिंग टुकड़ी, भारतीय सेना की 1960 के दशक की वर्दी पहनेगी और .303 राइफलें लेकर चलेगी। उन्होंने बताया कि सेना की 1970 के दशक की वर्दी जम्मू और कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट के सैनिकों द्वारा पहनी जाएगी, जो तीसरी मार्चिंग टुकड़ी का गठन करेंगे और वे 7.62 मिमी सेल्फ-लोडिंग राइफलें (एसएलआर) लेकर कदमताल करेंगे।
उन्होंने कहा कि चौथी और पांचवीं मार्चिंग टुकड़ी क्रमशः सिख लाइट इन्फैंट्री और आर्मी ऑर्डनेंस कोर रेजिमेंट की होगी। उन्होंने कहा कि ये सैनिक सेना की वर्तमान वर्दी पहनेंगे और 5.56 मिमी इंसास राइफल लेकर मार्च करेंगे। उन्होंने कहा कि छठा दल पैराशूट रेजिमेंट के सैनिकों का होगा जो नई लड़ाकू वर्दी पहनेंगे, जिसका अनावरण इस महीने की शुरुआत में किया गया था, और उनके पास टेवोर राइफलें होंगी। उन्होंने कहा कि कुल 14 मार्चिंग दल होंगे - सेना के छह, नौसेना का एक, वायु सेना का एक, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के चार, राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के दो, दिल्ली पुलिस का एक और राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) से एक।