मजबूत और टिकाऊ सड़कों के नेटवर्क को किसी भी देश की जीवनरेखा माना जाता है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के वैज्ञानिकों द्वारा बिटुमेन इमल्शन का उपयोग करके ब्लैक टॉप लेयर के निर्माण के लिए ‘मोबाइल कोल्ड मिक्सर कम पेवर’ और सड़कों पर गड्ढों की मरम्मत के लिए ‘पैच फिल मशीन’ विकसित की गई है। सड़क निर्माण और राजमार्गों के अद्यतन मूल्यवर्द्धन में इन दोनों तकनीकों का उपयोग हो सकता है।
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी तथा सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी.के. सिंह की उपस्थिति में सीएसआर की नई दिल्ली स्थित प्रयोगशाला – केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) में इन दोनों तकनीकों का औपचारिक शुभारंभ किया गया है।
इस अवसर पर डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा है कि भारत में अब सड़क और राजमार्ग निर्माण के लिए विश्व-स्तरीय स्वदेशी तकनीक उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि सड़क परिवहन और राजमार्ग क्षेत्र में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के बढ़ते अनुप्रयोग से भारत की विकास यात्रा में बड़ी मदद मिल रही है। हालांकि, कई सेक्टर के मंत्रालय उनके क्षेत्र में प्रयोग के लिए पेश की जा रही प्रौद्योगिकी के बारे में पूरी तरह से अवगत नहीं हैं। इसीलिए, उन्होंने एक प्रक्रिया शुरू की है, जिसमें अलग-अलग विधाओं के वैज्ञानिक विभिन्न मंत्रालयों के प्रतिनिधियों को बताते हैं कि वे उनके लिए उपलब्ध प्रौद्योगिकी का सर्वोत्तम उपयोग कैसे कर सकते हैं।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि अब से 25 साल बाद, जब भारत स्वतंत्रता के 100 वर्ष मनाएगा तब भारत को दुनिया में अग्रणी देश के रूप में स्थापित करने में राजमार्गों की भूमिका सुनहरे अक्षरों में लिखी जाएगी। इस बात को पुष्ट करने के लिए डॉ सिंह ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी के एक चर्चित बयान का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था- ‘अमेरिकी सड़कें इसलिए अच्छी नहीं हैं, क्योंकि अमेरिका समृद्ध है, बल्कि अमेरिका समृद्ध है क्योंकि अमेरिकी सड़कें अच्छी हैं।’
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि सड़क और राजमार्ग क्षेत्र में सस्ती, टिकाऊ तथा पुनर्चक्रण योग्य प्रौद्योगिकियों का उपयोग भारत के प्रमुख सड़क नेटवर्क का तेजी से निर्माण करने में हो रहा है। उन्होंने कहा कि आधुनिक प्रौद्योगिकियों में भारत अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने यह बात दोहरायी है कि आने वाले दशकों में भारत का उत्थान विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के माध्यम से सुनिश्चित होगा।
बिटुमेन इमल्शन का उपयोग करके ब्लैक टॉप लेयर के निर्माण के लिए ’मोबाइल कोल्ड मिक्सर कम पेवर’ और सड़क के गड्ढों की मरम्मत के लिए ’पैच फिल मशीन’ जैसे उपकरणों का उल्लेख करते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि ‘ये दोनों उपकरण आत्मनिर्भर भारत के आदर्श उदाहरण हैं, क्योंकि दोनों उपकरण पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से विकसित किए गए हैं।’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोल्ड मिक्सर और पैच फिल मशीन भारत के पहाड़ी राज्यों, विशेष रूप से पूर्वोत्तर क्षेत्र में सड़कों और राजमार्गों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में अपने अत्याधुनिक अनुसंधान एवं विकास ज्ञान आधार के लिए सीएसआईआर को जाना जाता है। सीएसआईआर-सीआरआरआई के प्रमुख अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रमों में पुलों, सड़क सुरक्षा, सड़क पर्यावरण आदि सहित सड़कों और सड़क परिवहन के समस्त विस्तार शामिल है। सड़कों तथा सड़क परिवहन क्षेत्र के लिए सीएसआईआर-सीआरआरआई के सहयोग के अलावा, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, और अन्य सीएसआईआर प्रयोगशालाएं सुरंग निर्माण, वैकल्पिक ईंधन, इलेक्ट्रॉनिक्स (आरएफआईडी टैग, आदि), सड़क फुटपाथ के लिए बाइंडर्स - हाइड्रोकार्बन के साथ-साथ जियोपॉलिमर, सड़क किनारे वृक्षारोपण, पर्यावरण प्रभाव अध्ययन, मशीनरी और उपकरण, जैसे विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर तकनीकी हस्तक्षेप प्रदान कर रही हैं।
देश के अविकसित क्षेत्रों को विकसित क्षेत्रों के बराबर लाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि 2014 से पूर्वोत्तर क्षेत्र, पहाड़ी राज्यों और अन्य पिछड़े क्षेत्रों में उनके समग्र विकास पर विशेष जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में पिछले 7-8 वर्षों में निर्मित एक विशाल रेल-सड़क नेटवर्क से इस क्षेत्र में सकारात्मक सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन आए हैं।
डॉ सिंह ने बेहतर परिवहन और आर्थिक समृद्धि के लिए जम्मू और कश्मीर में 03 नये राष्ट्रीय राजमार्गों तथा एक एक्सप्रेस रोड कॉरिडोर को मंजूरी देने और पूरा करने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की सराहना की।
(इंडिया साइंस वायर)