By Prabhasakshi News Desk | Jul 19, 2024
मुंबई । जमा वृद्धि अगर कर्ज बढ़ने के मुकाबले पीछे है, तो संरचनात्मक नकदी संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने शुक्रवार को बैंकों को आगाह किया। दास ने असुरक्षित ऋण के मोर्चे पर और भी समस्याओं की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि बैंकों के पास पर्याप्त बड़े पोर्टफोलियो होने के बावजूद, ऐसे जोखिम भरे ऋण के लिए उच्च सीमा है। उन्होंने बैंकों से सतर्क रहने को कहा।
दास ने बैंकों से ऋण तथा जमा वृद्धि के बीच उचित संतुलन बनाए रखने का आग्रह करते हुए कहा कि घरेलू बचत का एक बड़ा हिस्सा जो पहले जमा के रूप में बैंकिंग प्रणाली में आता था, अब म्यूचुअल फंड जैसे अन्य साधनों में जा रहा है। उन्होंने अखबार फाइनेंशियल एक्सप्रेस के एक कार्यक्रम में कहा, ऋण वृद्धि को जमा वृद्धि से बहुत आगे नहीं बढ़ना चाहिए।
खासकर तब, जब बैंकों को सीआरआर, एसएलआर, एलसीआर बनाए रखने की आवश्यकता होती है। दास ने कहा कि पिछले कुछ समय से जमा राशि जुटाने की प्रक्रिया ऋण वृद्धि से पिछड़ रही है। इससे प्रणाली में संरचनात्मक नकदी संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि बैंकों और एनबीएफसी तथा अन्य ऋणदाताओं को संरचनात्मक परिवर्तनों की पहचान करनी चाहिए और उनके अनुसार अपनी रणनीति तैयार करनी चाहिए। डिजिटल धोखाधड़ी के बारे में उन्होंने कहा कि आरबीआई फर्जी खातों की जांच करने के लिए बैंकों और जांच एजेंसियों के साथ काम कर रहा है।