By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 03, 2020
नयी दिल्ली। उत्तरपूर्वी दिल्ली में पिछले सप्ताह हुए दंगों के संबंध में करीब 1300 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है, वहीं कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सोमवार को 98 प्रतिशत छात्रों ने बोर्ड परीक्षाएं दीं। अधिकारियों ने बताया कि क्षेत्र में स्थिति शांत है और पिछले पांच दिनों में हिंसा का कोई मामला सामने नहीं आया है। पुलिस ने अफवाह फैलाने के आरोप में राष्ट्रीय राजधानी में 40 लोगों को गिरफ्तार किया है। अफवाहों से रविवार को शहर के कुछ इलाकों में अफरा तफरी मच गई थी।
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पुलिस फ्लैग मार्च कर रही है और जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर,चांद बाग, शिव विहार,भजनपुरा, यमुनाविहार और मुस्तफाबाद में स्थानीय लोगों के साथ बैठकें भी की जा रही हैं। ये स्थान हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। एक अधिकारी ने कहा,‘‘दिल्ली पुलिस ने 369 प्राथमिकियां दर्ज की हैं और 1284 लोगों को गिरफ्तार किया या हिरासत में लिया है।’’ पुलिस ने हालांकि गिरफ्तार किए गए लोगों के बारे में जानकारी सार्वजनिक नहीं की हैं। राजनीतिक दल और समाजिक कार्यकर्ता कानून के मुताबित इन लोगों के बारे में जानकारी सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं।
पुलिस ने बताया कि उत्तर पूर्वी दिल्ली के किसी भी इलाके से पिछले पांच दिनों में हिंसा की कोई सूचना नहीं है। जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, चांद बाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार और मुस्तफाबाद में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती है। सीबीएसई ने बताया कि उत्तर पूर्वी दिल्ली के हिंसा प्रभावित इलाकों में 98 प्रतिशत से ज्यादा विद्यार्थियों ने सोमवार को अपनी बोर्ड परीक्षाएं दीं। इससे पहले सीबीएसई ने उत्तर पूर्वी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली के कुछ इलाकों में सांप्रदायिक हिंसा के मद्देनजर 29 फरवरी तक बोर्ड परीक्षा स्थगित कर दी थी।
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आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 2,888 विद्यार्थियों में से भौतिकी और संगीत की परीक्षा में2,837 विद्यार्थी उपस्थित हुए। उपराज्यपाल अनिल बैजल और पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने हालात का जायजा लेने के लिए सोमवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली के दंगा प्रभावित इलाकों का दौरा किया और स्थानीय लोगों से बातचीत की। राय ने मुस्तफाबाद में दिल्ली सरकार द्वारा बनाए गए राहत शिविर का भी दौरा किया। इस शिविर में 1,000 लोगों को रखने की व्यवस्था है।
आप सरकार ने उत्तरपूर्वी दिल्ली में पीड़ितों के लिए नौ राहत शिविर बनाए हैं। राय ने बताया कि अगर जरूरत पड़ी तो और राहत शिविर लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि पुलिस ने कुछ ‘निर्दोष’ लोगों को भी गिरफ्तार किया है। वहीं सांप्रदायिक हिंसा से पीड़ित कई लोगों के घर समेत दस्तावेज भी बर्बाद हो जाने से उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि वे दिल्ली सरकार से मुआवजे की मांग किस आधार पर करें। हिंसा से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक मुस्तफाबाद में अल-हिंद अस्पताल के एक राहत शिविर में ऐसे कई परिवारों के मन में यही प्रश्न उठ रहा है।
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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से अपील की है कि वह जरूरतमंद लोगों की जानकारी मुहैया कराएं ताकि सरकारी एजेंसियां जल्द से जल्द मदद कर पाए। केजरीवाल ने सांप्रदायिक दंगों के दौरान जान गंवाने वाले खुफिया ब्यूरो के कर्मी अंकित शर्मा के परिवार को सोमवार को एक करोड़ रुपये की सम्मान राशि देने की घोषणा की। अंकित के परिवार को सरकारी नौकरी भी मिलेगी। प्रभावित क्षेत्रों में कई जगहों पर लोग अंधेरे में रात गुजारने को मजबूर हैं क्योंकि उनके घरों के बाहर बिजली आपूर्ति लाइन अब भी क्षतिग्रस्त है।
बीएसएफ ने सोमवार को अपने जवान मोहम्मद अनीस को 10 लाख रुपये का चेक सौंपा। अनीस के घर में तोड़फोड़ की गई थी और आग लगा दी गई थी। दिल्ली विधानसभा की शांति एवं सौहार्द समिति ने सोमवार को पहली बैठक की और यह निर्णय लिया कि वह लोगों में इस बात को लेकर जागरुकता फैलाएंगे कि फर्जी खबर के प्रसार से तीन साल तक की जेल की सजा हो सकती है। इसी बीच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने सोमवार को केंद्र और दिल्ली सरकार की आलोचना की। इनका आरोप है कि केंद्र और दिल्ली सरकार हिंसा प्रभावित लोगों को इलाज और कानूनी सहायता पहुंचाने में विफल रहे।
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