By अभिनय आकाश | Sep 30, 2022
जेएनयू के छात्र शरजील इमाम को दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और आसनसोल में दिसंबर 2019 में दिए गए भाषणों से संबंधित एक मामले में जमानत दे दी थी। उन पर नागरिकता (संशोधन) अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का विरोध करते हुए इन जगहों पर सरकार के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया गया था। दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया था कि उनके भाषण ने लोगों के बीच "शत्रुता को बढ़ावा दिया" और दिल्ली के जामिया मिला इस्लामिया विश्वविद्यालय और उसके आसपास दंगे हुए।
अदालत ने इस शर्त पर जमानत दी कि इमाम 30,000 रुपये के निजी मुचलके का भुगतान करता है। इमाम जनवरी 2020 से न्यायिक हिरासत में हैं। मामले में जमानत मिलने के बावजूद, शरजील इमाम अभी तक एक स्वतंत्र व्यक्ति नहीं है और उसे सलाखों के पीछे रहना होगा क्योंकि उसके खिलाफ कई मामले अभी भी लंबित हैं। इमाम ने देशद्रोह के सभी मामलों की सुनवाई पर रोक लगाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए दिल्ली की साकेत जिला अदालत में जमानत याचिका दायर की थी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एडिशनल सेशन जज अमिताभ रावत की तरफ से ये फैसला दिया गया है। शरजील इमाम पर आईपीसी के सेक्शन 124ए, 153ए, 153बी और 505 के अलावा यूएपीए के सेक्शन 13 के तहत केस दर्ज होगा। इमाम ने आईआईटी बॉम्बे से बीटेक और एमटेक किया है। साल 2013 में शरजील ने जेएनयू में आधुनिक इतिहास में पीजी की डिग्री पूरी की है। शरजील बिहार के जहानाबाद जिले का रहने वाला है।