Delhi Flood Updates: Supreme Court के पास पहुँचा बाढ़ का पानी, Rajghat भी जलमग्न, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन तक जाने में भी दिक्कतें

By नीरज कुमार दुबे | Jul 14, 2023

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी में जल स्तर घटने लगा है लेकिन इंद्रप्रस्थ के समीप दिल्ली सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के रेगुलेटर को नुकसान पहुंचने के कारण आईटीओ और राजघाट के इलाके शुक्रवार को जलमग्न हो गए जिससे हालात और बदतर हो गए हैं। बाढ़ का पानी मध्य दिल्ली के तिलक मार्ग इलाके में स्थित उच्चतम न्यायालय तक भी पहुंच गया है। लाल किले के पास तो हालात ऐसे हो गये हैं कि 45 साल बाद ऐसी स्थिति देखने को मिल रही है कि लाल किले की दीवारों के साथ सट कर यमुना बह रही है।


दिल्ली सरकार का बयान


इस बीच, दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सरकार ने मुख्य सचिव को रेगुलेटर (गति व्यवस्थापक) को क्षति पहुंचने के मामले पर प्राथमिकता के आधार पर गौर करने और समस्या को हल करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘सारी रात हमारे दल ने डब्ल्यूएचओ इमारत के समीप नाला संख्या 12 के रेगुलेटर की मरम्मत का काम किया। फिर भी यमुना का पानी इसके जरिए शहर में घुस रहा है। सरकार ने मुख्य सचिव को इस पर शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर काम करने का निर्देश दिया है।’’ इस रेगुलेटर को नुकसान पहुंचने के कारण यमुना नदी का पानी शहर के इलाकों में घुसा। सुबह आठ बजे यमुना का जल स्तर 208.42 मीटर था।

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यातायात परामर्श


इस बीच, आईटीओ और राजघाट के इलाकों में बाढ़ आने के कारण प्राधिकारियों को यातायात की आवाजाही पर पाबंदियां लगानी पड़ी। दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्वीट किया, ‘‘डब्ल्यूएचओ इमारत के समीप नाले में क्षमता से अधिक पानी बहने के कारण आईपी फ्लाईओवर की ओर सराय काले खां से महात्मा गांधी मार्ग पर वाहनों की कोई आवाजाही नहीं होगी। यात्रियों को इस मार्ग से बचने की सलाह दी जाती है।’’ पूर्वी दिल्ली को लुटियंस दिल्ली से जोड़ने वाले अहम मार्ग आईटीओ रोड पर जलभराव के कारण यात्रियों को काफी समस्याएं हुईं। अपने कार्यालय और नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन की ओर जा रहे लोगों को इस मार्ग से गुजरते वक्त दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। रेलवे अंडर ब्रिज के समीप नाले में क्षमता से अधिक पानी बहने के कारण भैरों रोड को भी यातायात की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है। कुछ लोगों को आईटीओ के जलभराव वाले हिस्से में अपने वाहनों को खींचकर ले जाते हुए देखा गया। 


प्रधानमंत्री की चिंता


इस बीच, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फ्रांस से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को फोन किया और दिल्ली के कुछ हिस्सों में आई बाढ़ के बारे में जानकारी ली। सूत्रों के मुताबिक टेलीफोन पर हुई बातचीत के दौरान, शाह ने मोदी को बाढ़ के हालात के बारे में जानकारी दी और उन्हें बताया कि अगले 24 घंटों में यमुना में जलस्तर कम होने की उम्मीद है। केंद्रीय गृह मंत्री के कार्यालय ने ट्वीट किया, ''यमुना नदी के बढ़ते जल स्तर के कारण दिल्ली के कुछ हिस्सों में पैदा हुए बाढ़ जैसे हालात पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात की।’’ शाह ने उन्हें बताया कि अगले 24 घंटों में जल स्तर में कमी आने की संभावना है और वह दिल्ली के उपराज्यपाल के साथ स्थिति पर नजर रख रहे हैं। इसके अलावा बचाव और राहत अभियान चलाने तथा जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए पर्याप्त संख्या में एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) की टीम को तैनात किया गया है।’’


उपराज्यपाल-मुख्यमंत्री ने लिया हालात का जायजा


उधर, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय राजधानी में बाढ़ और जलभराव की स्थिति के बारे में जानकारी लेने के लिए फ्रांस से उन्हें फोन किया। सक्सेना ने ट्वीट किया, ‘‘माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फ्रांस से फोन कर दिल्ली में जलभराव एवं बाढ़ की स्थिति और उससे निपटने के लिये किये जा रहे प्रयासों की विस्तृत जानकारी ली।’’ शुक्रवार सुबह दिल्ली के उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ मौके पर जाकर बाढ़ के हालात का जायजा भी लिया।


हरियाणा का स्पष्टीकरण


दूसरी ओर, हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ने को लेकर आरोप-प्रत्यारोप के बीच हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने कहा है कि बैराज से अतिरिक्त पानी नहीं छोड़ने से ‘बहुत बड़ा नुकसान’ हो सकता था। मंत्री ने कहा, ''जब बाढ़ आ जाए या भारी वर्षा हो जाए जैसा कि पिछले कुछ दिनों में हमने हिमाचल प्रदेश और अपने राज्य में भी में देखा है, तो पानी छोड़ने के सिवा कोई विकल्प नहीं होता है। यदि हम पानी रोक लेते हैं तो स्थिति विध्वंसकारी होगी।’’ कंवर पाल ने कहा कि हथिनीकुंड में जलाशय की भांति बहुत बड़ी मात्रा में पानी को भंडारित करने की प्रणाली नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यदि मान्य सीमा के बाद बैराज में पानी रखा जाता है तो ‘बहुत बड़ा नुकसान’ हो सकता है।

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