By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 12, 2023
नयी दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए कथित यौन उत्पीड़न के आरोपों के मामले में भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह का बयान दर्ज किया। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने भारतीय कुश्ती महासंघ के सहायक सचिव विनोद तोमर का भी बयान दर्ज किया है। दिल्ली पुलिस ने पिछले महीने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दो मामले दर्ज किए थे। पहली प्राथमिकी एक नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोपों से जुड़ी है जिसमें पॉक्सो कानून और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। वहीं, दूसरी प्राथमिकी वयस्कों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों से संबंधित है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सिंह को जांच में शामिल होने के लिए एक नोटिस भेजा गया था।
उन्होंने बताया कि सिंह के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के संबंध में उनसे करीब तीन घंटों तक पूछताछ की गई। अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी के सांसद से अभी तक विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा पूछताछ की गई है। उन्होंने बताया, दोनों मामलों में सिंह ने आरोपों से इंकार करते हुए दावा किया है कि उन्हें ‘फर्जी’ तरीके से फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुश्ती महासंघ के प्रमुख से अपने दावों के समर्थन में दस्तावेज और साक्ष्य देने को कहा गया है। पुलिस ने कहा कि अभी तक 30 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं और अन्य के दर्ज किए जाने हैं, जिसके बाद सिंह से आगे पूछताछ की जाएगी।
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायतों की जांच करने के लिए गठित समिति की रिपोर्ट प्राप्त हो गयी है।’’ मामले की जांच के तहत दिल्ली पुलिस के कई दलों को बयान दर्ज करने और साक्ष्य एकत्र करने के लिए उत्तर प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक और हरियाणा भेजा गया है। हालांकि, अभी तक सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली नाबालिग का ही बयान मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज हुआ है। अधिकारी ने कहा, ‘‘जल्दी ही बाकी छह महिला पहलवानों के बयान भी मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज किए जाएंगे।’’ हालांकि, पुलिस ने नाबालिग सहित सभी शिकायतकर्ताओं के बयान सीआरपीसी की धारा 161 के तहत दर्ज कर लिए हैं।
दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को विशेष अदालत को बताया कि मामले की जांच करने के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल को उक्त जानकारी दी गई। इससे पहले अदालत ने दिल्ली पुलिस से स्थिति रिपोर्ट देने को कहा था। लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने अदालत को बताया कि इस मामले की स्थिति रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सौंप दी गई है और अनुरोध किया गया है कि मामले की प्रकृति को देखते हुए इसे किसी के साथ साझा नहीं किया जाए। दिल्ली पुलिस से रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए अदालत ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख 27 मई तय कर दी।