By अंकित सिंह | Mar 20, 2025
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने मुख्य सचिव धर्मेंद्र को पत्र लिखकर कहा है कि अधिकारी विधानसभा सदस्यों के पत्रों, फोन कॉल या संदेशों का जवाब नहीं दे रहे हैं। अध्यक्ष ने मुख्य सचिव से कहा कि वे प्रशासनिक सचिवों, दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों के प्रमुखों, दिल्ली पुलिस, डीडीए को संवेदनशील बनाएं। पत्र में कहा गया है कि यह एक गंभीर मामला है और मेरा मानना है कि इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, भारत सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किए गए सरकारी निर्देशों को दोहराने की तत्काल आवश्यकता है।
यह दिल्ली सरकार के अधिकारियों के लिए एक चेतावनी है, जिन्होंने पिछले AAP प्रशासन के दौरान विधायकों और यहां तक कि मंत्रियों की भी अनदेखी की थी। चूंकि ये सेवाएं केंद्र सरकार के अधीन नहीं थीं, इसलिए अधिकारियों के बारे में कहा जाता था कि वे अक्सर AAP नेताओं की अनदेखी करते थे। अब दिल्ली में भाजपा सत्ता में है, इसलिए नौकरशाही से अपेक्षा की जाती है कि वह नए प्रशासन के साथ तालमेल बिठाएगी और निर्वाचित सरकार तथा सांसदों की बात मानेगी, और विजेंद्र गुप्ता का पत्र इसी बात की याद दिलाता है।
गुप्ता ने 19 मार्च को लिखे अपने पत्र में कहा, "यह दिल्ली विधानसभा के माननीय सदस्यों के साथ व्यवहार करते समय सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा पालन की जाने वाली प्रक्रिया और प्रोटोकॉल मानदंडों के संदर्भ में है। मेरे संज्ञान में कुछ ऐसे मामले लाए गए हैं, जहां माननीय सदस्यों द्वारा पत्र, फोन कॉल या संदेशों के रूप में किए गए संचार को संबंधित अधिकारी द्वारा स्वीकार भी नहीं किया गया है।" गुप्ता ने इस मुद्दे को ‘गंभीर मामला’ बताया और अनुपालन रिपोर्ट भी मांगी।