By अनुराग गुप्ता | Aug 08, 2020
दिल्ली के आम जनजीवन को सुचारू ढंग से चलाने वाली मेट्रो खुद मदद की गुहार लगा रही थी लेकिन केंद्र सरकार ने मदद करने से इनकार कर दिया और यह भी कहा कि दिल्ली सरकार से मदद मांगों। दरअसल, मेट्रो रेल परियोजना के लिए केंद्र ने जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी से 35,198 करोड़ रुपए का लोन लिया है। लोन की किस्त दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) परिचालन से होने वाले मुनाफे से चुकाती आ रही है मगर कोरोना महामारी के चलते मार्च से मेट्रो बंद पड़ी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डीएमआरसी को जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) से 1.2 से 2.3 फीसदी की ब्याज दर पर लोन प्राप्त हुआ है। यह 10 वर्षों की अधिस्थगन के साथ 30 वर्षों के लिए है। इस लोन को भारत सरकार ने जेआईसीए से दिल्ली मेट्रो परियोजना के लिए लिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक डीएमआरसी को पहले चरण का निर्माण कार्य शुरू करने से एक साल पहले सन 1997 में पहली किस्त मिली जिसका पुनर्भगतान 2007 में शुरू हुआ था। बता दें कि अभी तक दिल्ली मेट्रो ने 3337 करोड़ रुपए चुकाए हैं।
डीएमआरसी को वित्त वर्ष 2020-21 में ऋण के लिए 1,242.8 करोड़ रुपए का भुगतान करना आवश्यक है। जिसमें 434.1 करोड़ रुपए ब्याज और 808.7 करोड़ रुपए मूलधन के हैं। जबकि डीएमआरसी ने ब्याज के तौर पर महज 79.2 करोड़ रुपए का भुगतान किया है।
1300 करोड़ का हुआ नुकसान
कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने 22 मार्च को दिल्ली मेट्रो को बंद करने का आदेश जारी किया था, जिससे चार महीनों में डीएमआरसी को करीब 1300 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है।
डीएमआरसी ने लोन चुकाने में मदद के लिए केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी थी। जिसका जवाब देते हुए केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से मदद मांगने की हिदायत दी थी। फिलहाल, डीएमआरसी के पास लोन का भुगतान करने के लिए पैसे नहीं हैं।