नयी दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सरकार की तरफ से लागू किए गए लॉकडाउन के पहले दिन सोमवार को सड़कों पर कुछ गाड़ियां ही दिखीं, जबकि अधिकतर लोग घरों में ही रहे। शहर की सीमाओं पर पुलिस मुस्तैदी से जांच कर रही है और लोगों को अपने-अपने घरों को लौटने की सलाह दे रही है। डॉक्टर, अस्पताल जा रहे मरीज, मीडिया कर्मी और जरूरी सेवाओं में शामिल लोगों को ही जाने की इजाजत दी जा रही है। अधिकतर दुकानें बंद हैं, लेकिन दूध, किराना, दवाई की दुकानें, पेट्रोल पंप और एटीएम खुले हैं।
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मेट्रो ऑटो, टेक्सी और कैब वाले पहले ही अपनी सेवाओं को स्थगित कर चुके हैं। इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटिड ने दिल्ली नोएडा और गाजियाबाद में अपने करीब दो तिहाई आउटलेट बंद कर दिए हैं क्योंकि गाड़ियां सड़कों पर नहीं हैं। पेट्रोल पंपों पर और दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) डिपो पर सीएनजी पंप चालू रहेंगे। दिल्ली स्थित एम्स ने कहा कि उसने अपनी सभी विशेषज्ञ सेवा समेत बहिरंग रोगी विभाग (ओपीडी) और नए तथा पुराने मरीजों का पंजीकरण अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, “ दिल्ली में 30 मामले हैं। उनमें से 23 विदेश से लौटे थे और सात उनके परिवार के सदस्य हैं जो संक्रमित हुए हैं।” केजरीवाल ने कहा, “ फिलहाल, हालात काबू में हैं। दूसरे देशों का सबक कहता है कि सख्ती का पालन नहीं किया जाता है तो चीजें हाथ से निकल सकती हैं। इसलिए लॉकडाउन किया गया है ताकि स्थिति हाथ से नहीं निकल जाए।” परिवार कल्याण एवं स्वास्थ्य विभाग ने रविवार को एक विस्तृत आदेश जारी कर पूरी दिल्ली में लॉकडाउन के लिए कहा था।