By नीरज कुमार दुबे | Jan 11, 2022
नमस्कार न्यूजरूम में आप सभी का स्वागत है। दिल्ली में कोरोना संक्रमण फैलने की तेज रफ्तार को देखते हुए राज्य सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए सभी निजी दफ्तरों को बंद करने का आदेश दिया है। आदेश के मुताबिक दिल्ली में छूट प्राप्त श्रेणी में आने वाले कार्यालयों को छोड़कर सभी निजी कार्यालय बंद रहेंगे और वर्क फ्रॉम होम लागू रहेगा। जो निजी कार्यालय अभी तक 50 प्रतिशत कार्य क्षमता के साथ काम कर रहे थे, उनसे अब घर से काम करने की प्रक्रिया का ही पूरी तरह पालन करने को कहा गया है।
डीडीएमए का बड़ा फैसला
हम आपको बता दें कि दिल्ली सरकार का यह फैसला सोमवार को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक के बाद आया है। इस बैठक में डीडीएमए ने बार बंद करने के साथ ही रेस्तरां में बैठकर भोजन करने पर भी रोक लगाने का फैसला किया लेकिन रेस्तरां से भोजन घर ले जाने की सुविधा रहेगी। हालांकि, दिल्ली में लॉकडाउन लगाने का निर्णय अभी तक नहीं लिया गया है। उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में डीडीएमए की एक बैठक में इस बात पर चर्चा की गई कि मौजूदा पाबंदियों को कैसे सख्ती से लागू किया जाए ताकि कोरोना वायरस और इसके नए स्वरूप ओमीक्रोन के फैलने पर अंकुश लगाया जा सके। इस बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल थे। बैठक में इस बात पर मंथन हुआ कि दिल्ली में लगाई गई पाबंदियों को समूचे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में भी लागू करना चाहिए। उपराज्यपाल बैजल ने ट्वीट किया, ‘‘अधिकारियों को सलाह दी गई है कि वह बाजार और सार्वजनिक स्थानों पर कड़ाई के साथ यह सुनिश्चित करें कि लोग मास्क लगाएं और सामाजिक दूरी के नियम का पालन करें, ताकि वायरस के चक्र को तोड़ा जा सके।’’
देश में मामले बढ़े
इस बीच, देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,68,063 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 3,58,75,790 हो गए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार सुबह के आंकड़ों के मुताबिक इनमें 4,461 मामले ओमीक्रोन स्वरूप के भी हैं। आंकड़ों के मुताबिक देश में 208 दिनों के बाद उपचाराधीन मरीजों की संख्या सर्वाधिक 8,21,446 दर्ज की गई जबकि 277 और मरीजों की मौत होने से कोविड-19 के मृतकों की संख्या 4,84,213 पर पहुंच गई है। ओमीक्रोन के 4,461 मामलों में से 1,711 लोग अब तक स्वस्थ हो चुके हैं या विदेश लौट गए हैं। बताया गया है कि जिन 277 मरीजों की पिछले 24 घंटे में मौत हुई है उनमें से 166 केरल से और 17 दिल्ली से थे।
सबको टेस्ट कराने की जरूरत नहीं
इस बीच, एक नये सरकारी परामर्श में जानकारी दी गयी है कि कोविड-19 से संक्रमित पाये गए व्यक्तियों के सम्पर्क में आये लोगों की तब तक जांच करने की जरूरत नहीं है जब तक उनकी पहचान आयु या अन्य बीमारियों से पीड़ित होने के चलते ‘‘अधिक जोखिम’’ वाले के तौर पर की गई हो। कोविड-19 के लिए उद्देश्यपूर्ण जांच रणनीति के लिए आईसीएमआर के परामर्श में कहा गया है कि अंतर-राज्यीय घरेलू यात्रा करने वाले व्यक्तियों को भी जांच कराने की आवश्यकता नहीं है।
दिल्ली में बिस्तर खाली
उधर, दिल्ली सरकार द्वारा जारी एक जानकारी के मुताबिक कोविड-19 मरीजों के लिए स्थापित किये गए संस्थागत पृथक-वास केंद्रों में लगभग पांच हजार बिस्तर उपलब्ध हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 5,539 बिस्तरों में से 561 पर मरीज भर्ती हैं। शाहदरा, उत्तरपूर्वी, पश्चिमी और उत्तरी दिल्ली में स्थित केंद्रों में किसी भी बिस्तर पर मरीज नहीं है। दिल्ली सरकार का कहना है कि महामारी की इस लहर में ज्यादातर मामलों में हल्के लक्षण हैं या लक्षण नहीं हैं और मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही है।
संसद की तैयारी
इस बीच, देश में कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी और संसद के करीब 400 कर्मचारियों से कोविड से संक्रमित होने की पृष्ठभूमि में संसद परिसर के भीतर अगले तीनों तक बड़े पैमाने पर संक्रमण रोधी अभियान चलाने की योजना बनी है। इससे पहले, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला तथा राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने अधिकारियों से कहा कि वे आगामी बजट सत्र को सुरक्षित ढंग से आयोजित करने के लिए जरूरी उपाय करें। सूत्रों के अनुसार, बिरला और नायडू ने दोनों सदनों के महासचिवों को निर्देश दिया कि वे कोविड महामारी के हालात की विस्तृत जानकारी लें और बजट सत्र के सुरक्षित आयोजन के लिए जरूरी कदम सुझाएं। बजट सत्र के आरंभ की तिथि की अभी घोषणा नहीं हुई है। हालांकि, यह आमतौर पर जनवरी के आखिरी सप्ताह में शुरू होता है। सूत्रों का कहना है कि चार से आठ जनवरी के बीच राज्यसभा सचिवालय के 65 कर्मचारियों, लोकसभा सचिवालय के 200 कर्मचारियों समेत संसद के करीब 400 कर्मचारी कोविड से संक्रमित पाए गए।