नयी दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने राष्ट्रीय राजधानी में प्रतिबंध के बावजूद तेजी से बढ़ रहे प्लास्टिक के इस्तेमाल और उसकी उपलब्धता पर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है। एनजीटी प्रमुख न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि प्रतिबंध लगाने के बावजूद दिल्ली के हर हिस्से में प्लास्टिक नि:शुल्क उपलब्ध हो रहा है। पीठ ने आप सरकार को शहर में सख्ती से इस प्रतिबंध को लागू करने का निर्देश दिया है। साथ ही इस मुद्दे पर एक विस्तृत स्थिति रिपोर्ट की मांग भी की है।
पीठ ने कहा, “प्लास्टिक पर लगे प्रतिबंध को आप प्रभावी तरीके से लागू क्यों नहीं कर रहे हैं? लोगों को राष्ट्रीय राजधानी के हर हिस्से से नि:शुल्क प्लास्टिक उपलब्ध हो रहा है। आपने प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की? आपके लिए बेहतर है कि आप हमारे आदेश को लागू करवाएं नहीं तो हमारी कार्रवाई के लिए तैयार रहें।” दिल्ली सरकार की ओर से अधिकरण के समक्ष पेश हुए अधिवक्ता ने कहा कि उन्होंने प्लास्टिक जब्त कर लिया है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं।
अधिकरण, रोपड़ के निवासी अभिनव गुलेरिया द्वारा दाखिल एक अपील पर सुनवाई कर रहा था जिसने आरोप लगाया था कि बाजार में अभी भी ‘गैर बुने हुए’ बैगों का इस्तेमाल हो रहा है जो प्राकृतिक तरीके से नष्ट नहीं होते हैं। हरित पैनल ने पिछले साल दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में डिस्पोजेबल प्लास्टिक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था। यह प्रतिबंध इस साल एक जनवरी से प्रभावी था।
एनजीटी ने डिस्पोजेबल प्लास्टिक के प्रयोग को पूरे शहर में खासकर होटल, रेस्तरां, निजी व सार्वजनिक कार्यक्रमों में प्रतिबंधित कर दिया था और दिल्ली सरकार को एक जनवरी से ऐसी सामग्रियों के “संचयन, बिक्री और इस्तेमाल” के खिलाफ कदम उठाने के लिए कहा था। साथ ही अधिकरण ने यह भी कहा था कि सार्वजनिक जगहों पर कचरा फेंकने पर सब्जी विक्रेताओं और बूचड़खानों से 10 हजार रुपये का पर्यावरण मुआवजा वसूला जाएगा।