By अंकित सिंह | Aug 02, 2024
दिल्ली उच्च न्यायालय ने राजेंद्र नगर में तीन यूपीएससी अभ्यर्थियों की मौत की जांच सीबीआई को सौंप दी। अदालत ने इस निर्णय के कारणों के रूप में घटनाओं की गंभीरता और लोक सेवकों द्वारा भ्रष्टाचार में संभावित संलिप्तता का हवाला दिया। दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को सिविल सेवा अभ्यर्थियों की मौत की सीबीआई जांच की निगरानी के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी को नामित करने का निर्देश दिया।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को यूपीएससी अभ्यर्थियों की डूबने से हुई मौत पर अविश्वास जताया और कहा कि उसे समझ नहीं आ रहा कि छात्र कैसे बाहर नहीं आ सके। पीठ ने पूछा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अधिकारियों ने क्षेत्र में काम नहीं कर रहे बरसाती पानी के नालों के बारे में आयुक्त को सूचित क्यों नहीं किया। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि एमसीडी अधिकारियों को कोई परेशानी नहीं है और यह एक आदर्श बन गया है।
इससे पहले, दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार, एमसीडी और अन्य नागरिक अधिकारियों की आलोचना की थी। अदालत ने सवाल किया कि उपनियमों के उदारीकरण के बावजूद सदियों पुराने बुनियादी ढांचे को उन्नत क्यों नहीं किया गया। उच्च न्यायालय ने व्यक्त किया कि वास्तविक दोषियों को छोड़ कर निर्दोषों को दंडित करना घोर अन्याय होगा। अदालत ने दिल्ली पुलिस को तथ्यों का स्पष्ट विवरण प्रदान करने का भी निर्देश दिया, यह कहते हुए कि ऐसा करने में विफल होना अस्वीकार्य होगा और इसकी तुलना "ब्रदर्स क्लब" दृष्टिकोण से की जाएगी।