By प्रिया मिश्रा | Jul 26, 2022
आज के समय में इनफर्टिलिटी की समस्या बहुत अधिक बढ़ गई है। आजकल पीसीओडी और थायरॉइड जैसी बीमारियों के कारण महिलाओं में इनफर्टिलिटी की समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है। असंतुलित जीवनशैली, खानपान की गलत आदतों और हार्मोनल असंतुलन के कारण भी इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है। इसके अलावा शरीर में एमएच यानी एंटी मुलेरियन लेवल कम होने पर भी महिलाओं को गर्भधारण करने में मुश्किल होती है।
एमएच टेस्ट क्या है
एमएच टेस्ट एक ब्लड टेस्ट है, जिससे ओवरी में एग काउंट का पता चलता है। अगर किसी महिला के ब्लड टेस्ट में एमएच लेवल कम आता है तो उसके कंसीव करने की संभावना कम हो जाती है।
एमएच क्या है
गर्भ में शिशु के यौन अंग के विकास में एमएच महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि लड़का हो तो एमएच हाई होता है क्योंकि यह महिला प्रजनन अंगों के निर्माण को रोकता है। वहीं, अगर लड़की हो तो एमएच की मात्रा बहुत कम होती है। महिलाओं में ओवरी के फॉलिकलों के अंदर की कोशिकाएं एमएच का निर्माण करती हैं।
शरीर में कैसे बढ़ाएं एमएच की मात्रा
खानपान का ध्यान रखें
शरीर में ओवरी को स्वस्थ रखने के लिए ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त फूड्स खाएं। इसके लिए अपने आहार में अलसी के बीज, चिया सीड्स, फैटी फिश और अंडे की जर्दी आदि शामिल करें।
विटामिन डी
शरीर में एमएच लेवल को बढ़ाने के लिए विटामिन डी भी काफी फायदेमंद होता है। इसके लिए धूप में बैठें या डॉक्टर की सलाह से विटामिन डी के सप्लीमेंट लें।
तनाव कम करें
स्ट्रेस या तनाव के कारण भी शरीर में एम एच लेवल कम हो सकता है। इसके लिए नियमित रूप से योग और मेडिटेशन करें।
इन फूड्स से करें परहेज
शरीर में हार्मोंस को बैलेंस के लिए अपनी डाइट से प्रोसेस फूड, रिफाइंड कार्ब्स और शुगर को बाहर कर दें। ये चीजें सेहत पर नकारत्मक असर डालती हैं, जिससे हार्मोनल बदलाव होता है।
- प्रिया मिश्रा