By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 19, 2020
नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि सरकार कोरोना वायरस का घरेलू उद्योगों पर पड़ने वाले प्रभाव से निपटने के लिये जल्दी ही उपायों की घोषणा करेगी। मंत्री ने चीन में फैले खतरनाक वायरस से उत्पन्न स्थिति को लेकर उद्योग प्रतिनिधियों के साथ समीक्षा बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के साथ सलाह के बाद इन उपायों की घोषणा की जाएगी। बैठक में औषधि, कपड़ा, रसायन, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी हार्डवेयर, सौर, वाहन, सर्जिकल उपकरण, पेंट, उर्वरक, दूरसंचार, मोबाइल विनिर्माण, खाद्य तेल, पोत परिवहन एवं पर्यटन समेत विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधि शामिल हुए। उनमें से कुछ ने निर्यात और कुछ ने कच्चे माल के आयात के मुद्दे को उठाया।
इसे भी पढ़ें: सीतारमण ने बताया, कब खत्म होगी इनकम टैक्स छूट की समयसीमा
सरकार की तरफ से वाणिज्य एवं भारी उद्योग विभाग के सचिव स्तर के अधिकारी समेत औषधि, पोत परिवहन, एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) तथा दूरसंचार विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। सीतारमण ने कहा कि वह विभिन्न मंत्रालयों के सचिवों के साथ कल (बुधवार) बैठक करेंगी और उसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय के परामर्श से स्थिति से निपटने के उपायों की घोषणा की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘वित्त मंत्रालय के अलग-अलग सचिव और प्रधान आर्थिक सलाहकार सभी संबद्ध विभागों से संपर्क करेंगे। जो मुद्दे उठाये गये हैं, उन्हें जानकारी दी जाएगी। वे इस बारे में विचार करेंगे और कल दोपहर को आएंगे (बैठक करेंगे) ताकि हम संभावित समाधान को लेकर बातचीत कर सके।’’
इसे भी पढ़ें: सीतारमण का बड़ा बयान, कहा- किसानों की आय दोगुना करना सरकार का लक्ष्य
वित्त मंत्री ने कहा कि उसके बाद मंत्रालय संभवत: पीएमओ के साथ चर्चा करेगा और जल्दी ही कुछ उपायों की घोषणा की जाएगी। उन्होंने कहा कि औषधि, रसायन और सौर उपकरण खंड सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं। आयात प्रभावित होने से इन क्षेत्रों में बाधाएं साफ दिख रही हैं। सीतारमण ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस के कारण मूल्य वृद्धि को लेकर अब तक कोई चिंता जैसी बात नहीं है। ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम में कोरोना वायरस के प्रभाव के बारे में बात करना अभी जल्दबाजी होगी। बैठक के दौरान उद्योग मंडल ने कोरोना वायरस के प्रभाव से निपटने को लेकर कार्यबल बनाने का आग्रह किया। उद्योग जगत ने एंटीबॉयोटिक औषधियों, मोबाइल कल-पुर्जे और अन्य सामानों के आयात शुल्क में कटौती की मांग की ताकि चीन से आपूर्ति बाधित होने के कारण जो समस्या उत्पन्न हुई है, उससे निपटा जा सके।