अमरनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या ने हिमलिंग के अस्तित्व के लिए खतरा बढ़ा दिया है क्योंकि इससे हिमलिंग के वक्त से पहले गायब होने की आशंका है। कई सालों से ऐसा देखने को मिल चुका है कि श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या से हिमलिंग समय से पहले भक्तों की सांसों के कारण लुप्त हो गए।
एक जुलाई से शुरू हुई अमरनाथ यात्रा में अब तक करीब पौने दो लाख भक्त भोलेनाथ के दर्शन कर चुके हैं। ये आंकड़ा पिछले साल के मुकाबले 29 हज़ार अधिक है। लेकिन अब बढ़ती संख्या को हिमलिंग के लिए खतरे के तौर पर लिया जा रहा है। हालांकि इस साल हिमलिंग 22 फुट के बने हैं। जो कि पिछले साल से ज्यादा है। साल 2018 में हिमलिंग की ऊंचाई 15 फीट थी। इस साल हिमलिंग के दर्शन के लिए अभी तक पिछले वर्ष से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे हैं। मगर भक्तों की बढ़ती भीड़ से हिमलिंग के जल्दी पिघलने का खतरा बढ़ गया है। इससे ग्लोबल वॉर्मिंग के बढ़ने की भी आशंका है।
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विशेषज्ञों के मुताबिक अमरनाथ ग्लेशियरों से घिरा है। ऐसे में ज्यादा लोगों के वहां पहुंचने से तापमान के बढ़ने की आशंका होगी। इससे ग्लेशियर जल्दी पिघलेंगे। साल 2016 में भी भक्तों की ज्यादा भीड़ के अमरनाथ पहुंचने से हिमलिंग तेजी से पिघल गया था। आंकड़ों के मुताबिक उस वर्ष यात्रा के महज 10 दिन में ही हिमलिंग पिघलकर डेढ़ फीट के रह गए थे। तब तक महज 40 हजार भक्तों ने ही दर्शन किए थे।
साल 2016 में प्राकृतिक बर्फ से बनने वाला हिमलिंग 10 फीट का था। जो अमरनाथ यात्रा के शुरूआती सप्ताह में ही आधे से ज्यादा पिघल गया था। ऐसे में यात्रा के शेष 15 दिनों में दर्शन करने वाले श्रद्धालु हिमलिंग के साक्षात दर्शन नहीं कर सके थे।
साल 2013 में भी अमरनाथ यात्रा के दौरान हिमलिंग की ऊंचाई कम थी। उस वर्ष हिमलिंग महज 14 फुट के थे। लगातार बढ़ते तापमान के चलते वे अमरनाथ यात्रा के पूरे होने से पहले ही अंतरध्यान हो गए थे। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार साल 2013 में हिमलिंग के तेजी से पिघलने का कारण तापमान में वृद्धि था। उस वक्त पारा 34 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया था।
साल 2018 में भी बाबा बर्फानी के तेजी से पिघलने का सिलसिला जारी था। 28 जून से शुरू हुई 60 दिवसीय इस यात्रा में एक महीने बीतने पर करीब दो लाख 30 हजार यात्रियों ने दर्शन किए थे। मगर इसके बाद दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का बाबा बर्फानी के साक्षात दर्शन नहीं हुए। बाबा दर्शन देने से पहले ही अंतरध्यान हो गए थे।
इस बीच अमरनाथ यात्रा में शामिल तीन और श्रद्धालुओं की मौत हो गई हे। उनकी मौज दिल का दौरा पड़ने के कारण हुई है। इस बीच यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती जा रही है। समाचार भिजवाए जाने तक 14500 फुट की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा में बनने वाले हिमलिंग के दर्शन करने वालों का आंकड़ा पौने दो लाख को पार कर गया था।
अमरनाथ यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं के उत्साह में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। एक जुलाई से शुरू हुई बाबा अमरनाथ यात्रा के लिए अब तक करीब पौने दो लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा में हिमलिंग के दर्शन कर लिए हैं। पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान करीब एक लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे। पिछले वर्ष का रिकार्ड पहले सप्ताह में ही टूट गया है। वहीं पवित्र छड़ी मुबारक की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। पवित्र छड़ी मुबारक 5 अगस्त को बाबा अमरनाथ गुफा के लिए रवाना होगी।
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इस बीच यात्रा के दौरान तीन श्रद्धालुओं की हृदय गति रुकने से मौत हो गई। एक यात्री गुजरात, दूसरा झारखंड व तीसरा छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर का बताया जा रहा हैं। स्थानीय प्रशासन के मुताबिक गुजरात से आए श्रीकांत दोषी (65) पहलगाम ट्रैक पर थे। जिस वक्त वह शेषनाग पहुंचे वहां उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी। जिसके बाद उन्हें नजदीकी मेडिकल कैंप ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
वहीं झारखंड निवासी शशि कुमार भूषण (35) दर्शन के बाद रास्ते में रूककर आराम कर रहे थे। परिजनों की माने तो वह गुरुवार रात में सोए और शुक्रवार सुबह सोकर नहीं उठे। जिसके बाद उन्हें मेडिकल कैंप लाया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
वही तीसरे श्रद्धालु की बात करे तो रायपुर निवासी पल्लवी खोकले दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। मृत महिला रायपुर के जैनम विहार की रहने वाली बताई जा रही हैं।जानकारी के मुताबिक अमरनाथ यात्रा के लिए रायपुर से 17 लोगों का दल रवाना हुआ था। बताया जा रहा है कि वापस लौटने के वक्त गुरुवार की सुबह पल्लवी खोकले को दिल का दौरा पड़ा। तबियात बिगड़ता देख उन्हे अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल में इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई।
सुरेश एस डुग्गर