By रेनू तिवारी | Dec 08, 2021
मुंबई। राजनीति में नेता लोग एक दूसरे के कट्टर दुश्मन होते है। एक दूसरे की पार्टियों की बुराईयां करते हैं लेकिन निजी जीवन में कई लोग एक दूसरे के रिश्तेदार होते हैं। एक ऐसा ही राजनीतिक संबंध महाराष्ट्र में जुड़ने जा रहा है। बीजेपी नेता हर्षवर्धन पाटिल ने मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे से मुलाकात की। हर्षवर्धन पाटिल मुंबई के शिवाजी पार्क इलाके में राज ठाकरे के नए आवास 'शिवतीर्थ' गए थे।
बीजेपी नेता की बेटी बनने जा रही हैं ठाकरे परिवार की बहू
हर्षवर्धन पाटिल ने राज ठाकरे को अपनी बेटी अंकित पाटिल की शादी का इंविटेशन दिया। इस दौरान अंकिता पाटिल ने भी राज ठाकरे से मुलाकात की। आपको बता दें कि हर्षवर्धन पाटिल की बेटी अंकिता पाटिल ठाकरे परिवार की बहू बनने जा रही हैं। अंकिता कि शादी निहार ठाकरे से होने जा रही है। निहार शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के दिवंगत बेटे बिंदु माधव ठाकरे के बेटे हैं। वह मुंबई में वकालत कर रहे हैं। वहीं अंकिता पाटिल बीजेपी नेता की बेटी हैं लेकिन वह कांग्रेस की सदस्य हैं। 28 दिसंबर को मुंबई के ताज होटल में ये शादी होगी।
अंकिता ने शेयर की राज ठाकरे के साथ तस्वीर
अंकिता पाटिल ने फेसबुक पर राज ठाकरे से मुलाकात की एक फोटो शेयर की है। उन्होंने कैप्शन दिया है कि वह मुंबई में राज ठाकरे से मिली थे। पता चला है कि अंकिता पटेल ने राज ठाकरे को शादी में आमंत्रित करने के लिए उनसे मुलाकात की थी।
कौन हैं अंकिता पाटिल?
अंकिता पाटिल बीजेपी नेता हर्षवर्धन पाटिल की बेटी हैं। पुणे में बावड़ा-लखेवाड़ी जिला परिषद समूह का उपचुनाव लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद हुआ था जिसमें अंकिता पाटिल ने जीत के साथ राजनीति में प्रवेश किया। उन्होंने जिला परिषद का चुनाव रिकॉर्ड बहुमत से जीता था। हर्षवर्धन पाटिल भले ही बीजेपी में शामिल हो गए हैं, लेकिन अंकिता पाटिल अभी भी कांग्रेस में हैं। अंकिता पाटिल 2014 के चुनावों के लिए प्रचार और सोशल मीडिया की प्रभारी थीं। बाद में उन्हें एक निजी चीनी उद्योग संघ के सदस्य के रूप में काम करने का अवसर मिला।
कांग्रेस से बीजेपी में आए हर्षवर्धन पाटिल
राज्य में विधानसभा चुनाव के अवसर पर हर्षवर्धन पाटिल और अजीत पवार के बीच झगड़ा हुआ था। लोकसभा में सुप्रिया सुले का समर्थन करने के बावजूद, हर्षवर्धन पाटिल ने कांग्रेस छोड़ दी थी और भाजपा में शामिल हो गए थे, यह आरोप लगाते हुए कि एनसीपी ने उन्हें विधानसभा में इंदापुर सीट नहीं दी थी। जब उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ी तो उन्होंने सहयोगी राकांपा में आग लगा दी थी। हालांकि, इंदापुर से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने के बावजूद हर्षवर्धन पाटिल लगातार दूसरी बार हार गए।