नयी दिल्ली।
जम्मू-कश्मीर के
पुलवामा में दो साल पहले हुए आतंकवादी हमले में अपने 40 सैनिकों को खोने वाले केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (
सीआरपीएफ) ने रविवार को कहा किदेश उस हमले के जिम्मेदारों को माफ नहीं करेगा और जवानों के सर्वोच्च बलिदान को नहीं भूलेगा। हमले की दूसरी बरसी के मौके पर जम्मू-कश्मीर के लेथपुरा में सीआरपीएफ के कैंप में एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया किया गया। दिल्ली में सीआरपीएफ मुख्यालय से डिजिटल माध्यम से बल के वरिष्ठ अधिकारियों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया। सीआरपीएफ के प्रवक्ता उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) मोजेज दिनाकरण ने यह जानकारी दी। बल ने ट्वीट किया, न माफ करेंगे, न भूलेंगे। पुलवामा हमले में राष्ट्र के लिये सर्वोच्च बलिदान देने वाले हमारे भाइयों को सलाम। उनके आभारी हैं। हम अपने वीर जवानों के परिवारों के साथ खड़े हैं।
पुलवामा हमले के बाद
भारतीय वायु सेना ने 26 फरवरी 2019 को पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी शिविरों को निशाना बनाकर हवाई हमले किये थे। सीआरपीएफ के महानिदेशक ए पी माहेश्वरी ने ड्यूटी के समय जान गंवाने वाले 40 कर्मियों को समर्पित एक वीडियो पुस्तक का विमोचन भी किया। प्रवक्ता ने माहेश्वरी के हवाले से कहा, वीरता हमें विरासत में मिली है, जो हमारी रगों में खून की तरह दौड़ती है। दिनाकरण ने कहा, इस वीडियो पुस्तक में 80 कड़ियों और 300 मिनट की विषयवस्तु है। पुस्तक की एक-एक प्रति पुलवामा आत्मघाती बम हमले में जान गंवाने वाले जवानों के परिवारों को भी भेजी जाएगी।