By नीरज कुमार दुबे | Mar 29, 2023
जम्मू-कश्मीर के हालात में पहले की अपेक्षा काफी सुधार आया है लेकिन अब भी कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जो काफी संवेदनशील माने जाते हैं। जैसे एलओसी से सटे राजौरी जिले में कई ऐसे गांव हैं जहां आतंक का खतरा बना रहता है। इस साल जनवरी महीने में राजौरी के एक गांव डांगरी में हमला हुआ था। उसके बाद से सुरक्षा बलों की संख्या यहां बढ़ाई गयी है लेकिन गांव वालों के मन में व्याप्त भय को देखते हुए सीआरपीएफ ने एक अभिनव पहल करते हुए स्थानीय ग्रामीणों को हथियार चलाने का प्रशिक्षण देना शुरू किया जिसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं। स्थानीय लोग बड़ी संख्या में सीआरपीएफ के प्रशिक्षण सत्र में शामिल होते हैं और हथियार चलाना सीखने के बाद उनका आत्मविश्वास बढ़ा है जिसके चलते वह सिर्फ अपने गांवों की ही नहीं बल्कि देश की सुरक्षा करने के लिए तैयार हैं।
दूसरी ओर, डांगरी गांव में हुए हमले की बात करें तो आपको बता दें कि आतंकी हमले के पीड़ितों ने धमकी दी है कि अगर सरकार हमलावरों को पकड़ने और उन्हें न्याय दिलाने में नाकाम रही तो वे अपने गांव से किसी ‘सुरक्षित’ जगह पर चले जाएंगे और अनुग्रह राशि वापस कर देंगे। गौरतलब है कि आतंकवादियों ने एक जनवरी को जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के डांगरी गांव में हमला किया था और ग्रामीणों को निशाना बनाया था। इस हमले में सात लोगों की मौत हो गयी थी जबकि 14 अन्य घायल हो गए थे। हम आपको यह भी बता दें कि हमले के बाद से हमलावर अब तक फरार हैं जिसके बारे में जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह का कहना है कि हमलावर पाकिस्तानी आतंकवादी थे और हमले के बाद वापस चले गए।