By अनन्या मिश्रा | Jul 27, 2024
हर साल 27 जुलाई को सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) स्थापना दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल के गठन और उसके योगदान को याद करना और सम्मानित करना है। सीआरपीएफ बल कानून और व्यवस्था को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। तो आइए जानते हैं सीआरपीएफ स्थापना दिवस का इतिहास, उद्देश्य और महत्व के बारे में...
इतिहास
आपको बता दें कि 27 जुलाई 1939 को 'क्राउन रिप्रेजेंटेटिव्स पुलिस' के रूप में सीआरपीएफ का गठन हुआ था। देश की आजादी के बाद साल 1949 में इसका नाम बदलकर 'केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल' रखा गया। इस बल का मुख्य उद्देश्य कानून और व्यवस्था को बनाए रखना, नक्सलवाद से निपटना, आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना और आतंकवाद का मुकाबला करना शामिल है।
महत्व
सीआरपीएफ स्थापना दिवस का बल की सेवा भावना और साहसिक योगदान को सम्मानित करने का दिन है। यह दिन बल के जवानों और अधिकारियों के समर्पण, कड़ी मेहनत और बलिदान के लिए मनाया जाता है। इस दिन सम्मान समारोह, परेड और अन्य तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। कई महत्वपूर्ण मिशनों में सीआरपीएफ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सीआरपीएफ राष्ट्र की सुरक्षा और अखंडता को बनाए रखने में अपने श्रेष्ठ योगदान के लिए जाना जाता है।
उद्देश्य
इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य बल के जवानों और अधिकारियों के मनोबल को बढ़ावा देने के साथ उनके योगदान को मान्यता देना है। साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा में बल के योगदान को याद रखना है। इस दिन यानी की स्थापना दिवस के मौके पर CRPF के विभिन्न इकाइयों और केंद्रों में विशेष परेड और समारोह का आयोजन किया जाता है। इस मौके पर जवानों और अधिकारियों को सम्मानित किया जाता है। वहीं जवानों और अधिकारियों को उत्कृष्ट कार्यों के लिए पदक और पुरस्कार दिए जाते हैं।
सीआरपीएफ स्थापना दिवस के मौके पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियों जैसे- गायन, नृत्यों और नाटकों का आयोजन होता है। इसके अलावा CRPF के महत्व और उनकी भूमिका के बारे में जन जागरुकता के कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है।