किसी भी कारोबार या आर्थिक व्यवहार में लीक से हटकर चलने वाला व्यक्ति ही सफल होता है। यदि आप भी छोटे-छोटे निवेश से बड़ा कोष बनाने की इच्छा रखते हैं, तो आजमाइए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स जिससे आपको लाभ और आर्थिक सुचिता दोनों मिलेगी। आम तौर पर कम पढ़े लिखे लोग सोना-चांदी, बर्तन, घर, वाहन आदि में निवेश करते हैं, जबकि ज्यादा पढ़े लिखे लोग मौद्रिक निवेश करते हैं। वो छोटी-छोटी धनराशि से निवेश शुरू करके उससे बड़ी राशि इकट्ठा कर लेते हैं। इसलिए इन्वेस्टमेंट कंसल्टेंट से सम्पर्क करके आप भी यह आदत डाल सकते हैं।
कहने का तातपर्य यह कि आप सोना-चांदी, जमीन, घर, वाहन आदि की खरीदारी करने में लगने वाली बड़ी धनराशि के सदुपयोग के साथ-साथ छोटी--छोटी मौद्रिक निवेश की पहल भी शुरू कर सकते हैं, जो आपको दो-चार वर्ष बाद बड़ी धनराशि दे सकती है। खासकर सावधि जमा (एफडी), मासिक आवर्ती जमा (आरडी), दैनिक जमा (डीडी) के अलावा शेयर बाजार में म्यूचुअल फंड, एसआईपी या अन्य स्टॉक में भी निवेश कर सकते हैं। इसलिए यहां पर हम आपको बताएंगे कि आप कैसे निवेश की रणनीति बनाएं और छोटी-छोटी राशि से निवेश शुरू करके अपनी धनराशि को बड़ा बनाएं।
# समझिए, किस उम्र से शुरू करें अपना निवेश व्यवहार
मौद्रिक निवेश की आदत अपनाने के साथ ही मन में यह सवाल आता है कि हमें अपना निवेश करना कब से शुरू करना चाहिए। इस नजरिए से यह बताना जरूरी है कि जब आप गुल्लक में निवेश करना बंद कर दें, यानी लगभग 20 साल के हो जाएं तो अपना निवेश शुरू कर दें। लेकिन किसी कारणवश यदि आप वैसा नहीं कर पाएं हैं तो जब भी निवेश का अवसर मिले, तब से यह काम शुरू कर दीजिए।पहले 1 वर्ष, 2 वर्ष, 3 वर्ष, 5 वर्ष की रणनीति बनाइए, फिर उसे आगे बढ़ाते हुए 10 साल, 20 साल तक ले जा सकते हैं। क्योंकि बचत और निवेश की आदत इतनी अच्छी आदत है कि वह कभी भी किसी के सामने हाथ फैलाने की नौबत नहीं आने देगी। इसलिए यदि आप निवेश करना चाह रहे हैं तो अभी का समय भी काफी सही है। क्योंकि आप जितनी जल्दी निवेश करना शुरू करेंगे उतना ही आपको बेहतर रिटर्न मिलेगा। निवेश करके आप अपने सपने जैसे कार लेना, घर बनाना, बच्चों की पढ़ाई, बड़ी पूंजी जुटाने आदि को पूरा कर सकते हैं।
# जानिए, कितने समय तक और कहां-कहां करना चाहिए आपको निवेश
यूँ तो जब हम निवेश करना शुरू करते हैं तो हमें यह भी समझ नहीं आता है कि हमें कितने समय तक और कहां-कहां निवेश करना चाहिए। इस सवाल का सटीक जवाब है लाइफटाइम, क्योंकि हरेक उम्र अपनी अपनी जरूरत और प्राथमिकता होती है, जब हर किसी को पैसे की जरूरत पड़ती है। फिर भी, आपको पता होना चाहिए कि आप जितने लंबे समय तक अपना निवेश करते रहेंगे, उतना ही ज्यादा लाभ आपको होगा। वैसे भी यदि आप लंबे समय तक निवेश नहीं करना चाहते हैं तो कम से कम पांच साल तक आपको निवेश करना चाहिए। क्योंकि बैंक जमा या डाकघर जमा में आपको तय लाभ मिलते हैं, वहीं स्टॉक मार्केट यानी शेयर बाजार में आपको रिटर्न बाजार की चाल पर मिलता है। क्योंकि शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव भरा कारोबार रहता है। ऐसे में स्टॉक में निवेश करने वाले निवेशक को कभी भी बाजार की गिरावट से पैनिक नहीं होना चाहिए, बल्कि मार्केट में निवेश करते समय हमेशा धैर्य रखना चाहिए और जब आपका निवेश लाभ देने लगे तो उससे लाभ उठाकर फिर कहीं अन्य जगह पर निवेश कर देना चाहिए। हालांकि एफडी को गारंटेड निवेश समझा जाता है। यह बैंक, पोस्टऑफिस दोनों जगह पर होता है।
# गौर कीजिए कि आप कैसे बनाएं अपने निवेश की सही रणनीति
हमलोग जैसे घर बनाने से पहले उसका ब्लूप्रिंट बनाते हैं, ठीक उसी तरह से निवेश करने से पहले हमें इसकी स्पष्ट रणनीति बनानी चाहिए। वहीं, यदि आप पहली बार निवेश कर रहे हैं तो आपको हमेशा निवेश के लिए एक फिक्स्ड अमाउंट अलग रखना चाहिए। हालांकि, आपको ध्यान रखना चाहिए कि कभी भी आप अपनी पूरी सेविंग इन्वेस्ट नहीं करें, बल्कि हमेशा थोड़ा-सा पैसे इमरजेंसी फंड के लिए बचाए रखें। इसके अलावा, आपको शेयर बाजार में निवेश करने से पहले उससे जुड़ी एजुकेशन लेनी चाहिए। क्योंकि जब आप बिना सोचे-समझे निवेश करते हैं तो आपको भविष्य में घाटे का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में कहीं भी निवेश से पहले आपको रिटर्न के साथ साथ जोखिम का भी आंकलन कर लेना चाहिए, क्योंकि ब्रोकर्स आपको सबकुछ सही सही नहीं बताते हैं। हां, यदि आप निवेश की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपको एक बार जरूर यह चेक कर लेना चाहिए कि आप जिस सेक्टर या फिर एसेट में निवेश कर रहे हैं उसने पिछले कुछ सालों में कितना रिटर्न दिया है। आप एफडी में भी यही विश्लेषण कर सकते हैं। वहीं, आवर्ती जमा (आरडी) और खुदरा जमा (डीडी) में भी ज्यादा रिटर्न कौन बैंक या डाकघर दे सकता है, उसका आकलन आप कर सकते हैं।
# शेयर बाजार में एसआईपी से करें अपनी सुंदर शुरुआत
यदि आप डायरेक्ट शेयर बाजार में निवेश नहीं करना चाहते हैं तो आप म्युचुअल फंड में एसआईपी के जरिये भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं। यहां पर आप हर महीने 500 रुपये निवेश कर सकते हैं। इसका मतलब हुआ कि साल में आप 6000 रुपये का निवेश कर रहे हैं। आपको पता होना चाहिए कि वर्तमान में एसआईपी पर 12 फीसदी तक का अधिकतम रिटर्न मिलता है। जो किसी भी बचत खाता के ब्याज से दुगुना है।
# समझिए, कैसे बनाएं अपना निवेश पोर्टफोलियो
यदि आप पहली बार निवेश करते हैं तो आपको पोर्टफोलियो में विविधता यानी डाइवर्सिफिकेशन लाना चाहिए। इसके अलावा आपको एसेट पर भी फोकस करना चाहिए। अपने पोर्टफोलियो में आपको कई सिक्योर ऑप्शन जैसे- म्यूचुअल फंड्स, ब्लूचिप स्टॉक्स, गोल्ड ईटीएफ आदि में निवेश करना चाहिए। वहीं, निवेश के लिए 100 माइनस थंब रूल फॉलो करना चाहिए। थंब रूल के हिसाब से निवेश राशि में से आयु को घटाकर जो परिणाम आएगा, उतना फीसदी हिस्सा इक्विटी में निवेश करना चाहिए।
# सम्भवतया दीवाली के बाद कुछ सेक्टर्स में आ सकती है तेजी
आपको पता होना चाहिए कि शेयर बाजार पर पर्व-त्यौहार यानी फेस्टिव सीजन का भी काफी ज्यादा असर पड़ता है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि दीवाली के बाद कई सेक्टर्स अच्छा परफॉर्मेंस कर सकते हैं। मार्केट एक्सपर्ट के मुताबिक, दीवाली के बाद ऑटो और कैपिटल गुड्स सेक्टर का प्रदर्शन अच्छा रहेगा।
इन बातों से साफ है कि यदि आप सोना-चांदी, बर्तन, वाहन, जमीन, मकान आदि में निवेश करने वाले हैं तो अब आप थोड़ा लीक से हटकर सोचिए और खुदरा निवेश की परंपरा शुरू कीजिए। क्योंकि निवेश की बात आते ही हर किसी के मन में कई सवाल आते हैं कि निवेश कहां से शुरू करें और कितने समय के लिए निवेश करें। इसलिए बेहतर होगा कि हमेशा छोटी राशि से निवेश करना शुरू कीजिए। कभी भी पूरी सेविंग का इस्तेमाल निवेश के लिए न करें। बल्कि छोटी छोटी धनराशि के निवेश को ही बड़ी धनराशि में बदलते रहिए। इस तरह से आपकी सभी जरूरतें भी पूरी होंगीं और आपको अखड़ेगा भी नहीं। तो फिर देर क्यों?
- कमलेश पांडेय
वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार