By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 10, 2020
मुंबई। भाजपा के असंतुष्ट वरिष्ठ नेता एकनाथ खड़से ने रविवार को कहा कि वह कोविड-19 से उत्पन्न हालात सामान्य होने के बाद अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर कोई फैसला लेंगे। खड़से 2016 में भ्रष्टाचार के आरोपों में भाजपा सरकार में मंत्रिपद से इस्तीफा देने के बाद से ही नाराज हैं। इसके अलावा भाजपा ने 21 मई को महाराष्ट्र विधान परिषद की नौ सीटों पर होने वाले चुनाव के लिये भी उनके नाम पर विचार नहीं किया। इससे पहले उन्हें 2019 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा में जलगांव जिले के उनके गढ़ मुक्ताईनगर से भी टिकट नहीं दिया गया था। हालांकि पार्टी ने उनकी बेटी रोहिणी खड़से को टिकट दिया जो चुनाव हार गईं।
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एकनाथ खड़से ने इस हार के लिये भाजपा नेताओं को जिम्मेदार ठहराया था। खड़से से जब पूछा गया कि विधान परिषद चुनाव में भाजपा ने उनके नाम पर विचार नहीं किया है, तो उन्होंने कहा, मैं टिकट पाने को लेकर उत्सुक था और राज्य की कार्यकारी समिति भी इसके पक्ष में थी। हालांकि पार्टी ने इसे मंजूरी नहीं दी। खड़से ने कहा कि भाजपा के खिलाफ काम करने वालों को टिकट दे दिया गया।
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उन्होंने कहा, पार्टी ने (टिकट के लिये) मेरी अर्जी ठुकराकर मेरे साथ अन्याय किया है। कोरोना वायरस से उत्पन्न हालात सामान्य होने से पहले राजनीतिक भविष्य के बारे में कोई फैसला लेना ठीक नहीं है। भाजपा ने महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव के लिये अपने चार उम्मीदवारों के नाम तय कर दिये हैं, जिनमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के पूर्व सांसद रंजीत सिंह मोहिते पाटिल, गोपीचंद पाडलकर, प्रवीण दतके और अजित गोपछड़े शामिल हैं।