By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 20, 2020
नयी दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने शनिवार को कहा कि कोविड-19 से संक्रमित ऐसे रोगी जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है और जिनके पास घर पर पृथक रहने संबंधी सुविधाएं नहीं हैं, उन्हें संस्थागत पृथक-वास केंद्र में जाने की जरूरत होगी। उपराज्यपाल ने कोविड-19 के सभी मरीजों के लिए पांच दिन संस्थागत पृथक-वास में रहने संबंधी आदेश दिया था जिसका अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने विरोध दर्ज कराया था। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की शनिवार को हुई एक बैठक में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस आदेश के खिलाफ विरोध दर्ज कराया था।
बैठक के बाद उपराज्यपाल ने ट्विटर पर कहा, ‘‘संस्थागत पृथक-वास के संबंध में, केवल कोविड-19 से संक्रमित ऐसे रोगी जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है और जिनके पास घर पर पृथक रहने संबंधी सुविधाएं नहीं हैं, उन्हें संस्थागत पृथक-वास केंद्र में जाने की जरूरत होगी।’’ एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली के निजी अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों के इलाज के वास्ते रियायती दर तय करने के लिए उच्चस्तरीय विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को डीडीएमए ने मंजूरी दे दी है। बैठक के बाद सिसोदिया ने कहा कि घर में पृथक रहने को लेकर उपराज्यपाल की आशंका संबंधी मुद्दे को सुलझा लिया गया है और घर में पृथक रहने की व्यवस्था जारी रहेगी।
सिसोदिया ने ट्वीट किया, ‘‘घर में पृथक रहने को लेकर एलजी की जो भी आशंकाएं थीं वे एसडीएमए की बैठक में सुलझा ली गई और अब ‘होम आइसोलेशन’ की व्यवस्था जारी रहेगी। हम इसके लिए एलजी का आभार व्यक्त करते हैं। हमारे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में हम दिल्ली वालों को कोई तकलीफ़ नहीं होने देंगे।’’ उपमुख्यमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘केंद्र की समिति ने निजी अस्पतालों में 60 प्रतिशत कोविड बिस्तरों को कम दर पर उपलब्ध कराने की सलाह दी थी। उससे बहुत कम बिस्तर कम दाम पर उपलब्ध हो रहे थे। अब 100 प्रतिशत बिस्तर कम दाम पर उपलब्ध रहेंगे।