वक्फ कानून की वैधता के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर अदालत ने केन्द्र से जवाब मांगा

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 12, 2022

नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने, वक्फ कानून को संविधान का उल्लंघन और लोगों की निजी संपत्तियों का नियमन सिर्फ समान नागरिक संहिता के आधार पर किए जाने की घोषणा का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका पर बृहस्पतिवार को केन्द्र से जवाब मांगा। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने देवेन्द्र नाथ त्रिपाठी द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी करते हुए प्रतिवादी को जवाब दाखिल करने का वक्त दिया।

इसे भी पढ़ें: पूर्वोत्तर की चुनौतियों के आधार पर उसके लिए कार्य योजना तैयार करें : लोकसभा अध्यक्ष

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में दावा किया है कि भारत सरकार को गैर-मुसलमान नागरिकों को अलग रखते हुए वक्फ या धार्मिक संपत्तियों के संबंध में कानून बनाने का विधायी अधिकार नहीं है और एक कल्याणकारी राज्य का कर्तव्य है कि वह भारत के सभी नागरिकों को समान सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और धार्मिक स्वतंत्रता मुहैया कराए और वक्फ अधिनियम जैसे कानूनों के लिए कोई जगह नहीं है।

इसे भी पढ़ें: J&K के बडगाम में तहसीलदार ऑफिस में आतंकियों ने कर्मचारी पर दागी गोलियां, अस्पताल में कराया गया भर्ती

याचिका में कहा गया है, ‘‘वक्फ अधिनियम, 1995 मनमाना है क्योंकि विधायिका के पास (भारतीय संविधान की) सातवीं अनुसूची की समवर्ती सूची की एंट्री 10 और 28 के तहत ऐसा कानून बनाने का अधिकार नहीं है इसलिए माननीय अदालत को इसे (वक्फ कानून) रद्द कर देना चाहिए... एक कल्याणकारी राज्य द्वारा धार्मिक वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का नियमन किया जाना संविधान के प्रावधानों और खास तौर से अनुच्देद 14, 15 और 21 तथा संविधान की प्रस्तावना का उल्लंघन है।’’ याचिका में यह भी कहा गया है कि वक्फ की संपत्तियों का प्रबंधन धार्मिक नियमों के अनुसार होता है और राज्य को अन्य धर्मों को दरकिनार कर इसका नियम करने की अनुमति नहीं है। मामले में अगली सुनवाई अब 28 जुलाई को होनी है।

प्रमुख खबरें

Maneka Gandhi और अन्य कार्यकर्ताओं ने बिहार सरकार से पशुओं की बलि पर रोक लगाने का आग्रह किया

ना मणिपुर एक है, ना मणिपुर सेफ है... Mallikarjun Kharge ने बीजेपी पर साधा निशाना

AAP में शामिल हुए Anil Jha, कैलाश गहलोत के इस्तीफे के सवाल को Arvind Kejriwal ने मुस्कुराकर टाला

Sri Lanka के राष्ट्रपति नयी संसद के उद्घाटन सत्र में सरकार का लिखित नीतिगत दस्तावेज प्रस्तुत करेंगे